QUOTES ON #भरत

#भरत quotes

Trending | Latest
4 SEP 2019 AT 10:34

भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं
सौ योजन, मर्याद सिंधु की
ये कूद गयो छन माहीं ।
लंका जारी, सिया सुधि लायो
पर गर्व नहीं मन माहीं ॥
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं
-तुलसीदास

-


17 AUG 2020 AT 21:33

भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं
सौ योजन, मर्याद सिंधु की
ये कूद गयो छन माहीं ।
लंका जारी, सिया सुधि लायो
पर गर्व नहीं मन माहीं ॥
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं

-


1 JUN 2019 AT 14:39

सिद्ध निज का चाहिए बस मनोरथ होना,
मुश्किल है आज के भाई का भरत होना!

-



भ्रात प्रेम का सुंदर दर्पण,
भरत करे सब कुछ अर्पण।

नीश्चल भक्ति मोह से विरक्त,
कहीं देखा है क्या ऐसा भक्त।
यूं जैसे जीवंत रूप धारे समर्पण,

भ्रात प्रेम का सुंदर दर्पण,
भरत करे सब कुछ अर्पण।

उस निस्वार्थ प्रेम के सम्मान में,
रहने लगे बन वनवासी नंदी ग्राम में।
करके राज काज का तर्पण,

भ्रात प्रेम का सुंदर दर्पण,
भरत करे सब कुछ अर्पण।

-


3 AUG 2017 AT 22:17

कोई चिंगारी दबी है मेरे सीने में गहरे
कोई तिरंगा में लिपटा लाल आता है
और सोया हुआ लावा भड़का जाता है
कि मेरे माटी का रंग भी लाल है यारों
जरा कुरुक्षेत्र की रणभूमि को तो देखो
जहां गीता का श्लोक जीवित हो जाता है
भारतवंशी इतिहास रहा है रणबांकुरों का
इतिहास का पन्ना यशगान जिसका गाता है
जहां प्रदुर्भावित वो अभिमन्यु सा वीर हुआ
जहां मृत्यु शैया पर वो भीष्म सा धीर हुआ
भारत है भूमि जहां भरत सिंह शावक को
थाम बाहुओं में अचरज भरे खेल खेलाता है
मेरे भारत की धूलि ना पाने पाये कोई और
मार दहशतगर्द को अपना धर्म निभाता है
कुछ तो बात है यारों इस जमीं की मिट्टी में
2 गज़ ज़मीं की लालच में मरने आततायी
सीमा पार से सम्मोहित खिंचा चला आता है

-


15 APR 2020 AT 22:16

सूर्य गबन गिरि उड्डयन

जो लाया ना संग वैद्य यहां
मैं काम वही पहुंचाता हूं
ले जाना एक औषधि था
संग सभी शैल ले जाता हूं

हो गई भूल जो हुआ, भुला
ढो पर्वत उसे चुकाता हूं
सूरज को गबन किया ही था
ये पर्वत आज उड़ाता हूं

(बजरंगबली द्वारा संजीवनी बूटी लाने
की पूरी गाथा का आनंद अनुशीर्षक में लें)

-


2 OCT 2019 AT 10:59

आकुल नयन दरस को प्यासे, देखें पथ दिन रैन।
राम कौन दिवस आओगे, हिय को नहीं कुछ चैन।
भरत तुम्हारा चौदह बरस से बैठा संजोए आस।
राम भाई कब पूरा होगा अपना ये वनवास?

मैं जपता दिन रात राम बस एक तुम्हारा नाम।
इस दीन मलीन दुर्भागी को और नहीं कुछ काम।
स्वास स्वास टूटन को लगी, मुख सूखे जलहीन।
कुछ तो दया दिखाओ भाई, मैं दुर्बल, मैं हीन।

एक एक दिन बांट निहारूं, आओगे कब राम?
प्राण निकल जाएं उससे पहले घर लौट आओ राम।
माना मैं ना लखन सा भागी, ना ही मैं हनुमान।
पर उपकार करो कुछ मुझ पर, प्रेम दिखाओ राम।

-


16 AUG 2017 AT 8:32

कुछ बातें हमको बांट रही
हम सबको दांतें काट रही...
💘
(Why.......In caption )

-


31 JAN 2021 AT 15:47

Paid Content

-


30 MAY 2020 AT 11:49

बिना भाई के साथ के रावण हार गया और
भाई के साथ से राम जी जीत गए
इसलिए
सदा अपनों के साथ रहे अपनों का साथ दे
अपने परिवार को अलग ना होने दें ।।

-