QUOTES ON #भँवरा

#भँवरा quotes

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4 OCT 2019 AT 12:29

भँवरे की मर्ज़ी चाहे जिस फूल पर बैठे
फूलों का भँवरों पर ज़ोर नहीं चलता।

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26 SEP 2019 AT 18:37

तुम फूल सी महकती हो
मैं भौंरे सा बहकता हूँ
तुम रात सी चहकती हो
मैं चाँद सा दहकता हूँ

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27 JUL 2021 AT 3:06


माली का हक है फूल पे
फूल का जीवन माली से

भँवरा ना किसी एक का
वो बैठे हर एक फूल की डाली पे

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18 APR 2017 AT 14:10

दीया बुझा था, रात जली थी
कविताओं की बात चली थी
एक भँवरा था, एक कलि थी
हृदय में मची खलबली थी

साँसों का चढ़ना उतरना
दाँतो का जिस्मों को कुतरना
काँटों बीच महकते गुलाब
दहकती ख़्वाईश बहकते ख़्वाब

ख़ामोशी करती रही बात
न थमी आँखों की बरसात
अधरों ने अधरों को छुआ था
नशा नज़रों को हुआ था

तन भीगा था मन भीगा था
चाँद का भी ईमान डिगा था
दोनों का रिश्ता अनूठा था
प्यास सच्ची थी प्यार झूठा था

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8 APR 2019 AT 11:57

मेरा उस उडते हुए भँवरे से क्या राब्ता
गुल-ब-गुल फिरते उस मनचले से क्या वास्ता

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4 NOV 2019 AT 6:38

कलम की मर्ज़ी जो चाहे लिखे
मन पर किसी का ज़ोर नहीं चलता।

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9 OCT 2018 AT 13:38

कुछ फूल भँवरों को भी निगल जाते हैं।

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8 JUL 2017 AT 20:02

बीते वसंत की एक कोमल कली
उस भौरें की गुंजन से जो थी खिली,
भौरें ने भी उसके पराग से,
भर-भर पी थी अपनी अंजुली।।

आज वही कोमल कली जब
किसी अन्य भवरें से जा मिली,
इस भवरें के हाल न पूछो
कैसे आत्मा तड़पी निकली।।

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21 MAR 2017 AT 7:42

भँवरा मुस्कुरा रहा था, फूल को देख कर
किसी ने तोड़ा फूल, चढ़ा दिया देव पर

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22 MAR 2019 AT 16:59

तुम क्या जानों हमारी विरह वेदना
तुम गुनगुनाते दिन में हम जागते सारी सारी रात...

फूलों का रस पान करते
तुम मन मस्त हो झूमते
पीर दिल की ऐसी लगी
काली रातों को रौशन करे हम सारी सारी रात...

उजालों में फिरते हो तुम
क्या जानों अँधेरों के राज
हम अधूरे स्वप्न से टूटे तारे
जो जमीं पर जगमगाए सारी सारी रात...

तुम मधु के नशे में चूर
छेड़ो तो कर देते हो वार
हम रोशनी के वो प्याले
चाहें प्यार से सहला लों सारी सारी रात...

दल में रहते कमल दल पे झूले
सिर्फ़ श्रृंगार तुम्हें मिला
हम रातों के राजा जो दर्द बाँटे आधा
विरह में सजे फिरते सारी सारी रात...

हम जंगली क्या बिसात तुम महलों के जो सुकुमार
तुम गुनगुनाते दिन में हम जागते सारी सारी रात...

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