QUOTES ON #बैंक

#बैंक quotes

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19 JUL 2020 AT 12:28

उसके दिल की बैंक में मेरा खाता है
मुझे इश्क़ का ब्याज मिल ही जाता है

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19 JUL 2021 AT 17:20

मै नीली चिड़िया
दूर जंगलों में
एक खाता खोलकर आयी हूँ..

एक नीम
एक पीपल-बरगद ,
एक महुआ-झरबेरी का
एक पेड़ वनछीमी का— वहाँ जमा कर आयी हूँ...

मै नीली चिड़िया
दूर जंगलों में
एक खाता खोलकर आयी हूँ...

नहीं भटकेंगे दर-दर
कोटर… नीड़-घोंसलों को...
मै अपने चूजों की खातिर
भविष्य-मार्ग बनाकर आयी हूँ..

मै नीली चिड़िया
"हरे-भरे बैंक" में
अपना खाता खोलकर आयी हूँ.. ।

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10 MAY 2017 AT 6:22

मेरे मन के बैंक में
जमा है जो काला धन
वो किसी नोटबंदी में
बदले नहीं जा सकते

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7 MAR 2020 AT 21:46

उस बैंक में या इस बैंक में
खोलूँ अब मैं खाता किस बैंक में
कोई कहे यस कोई कहे नो
कोई कहे खोलो बस स्विस बैंक में

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22 DEC 2020 AT 18:18

उसने पृथ्वी को
हाथ में लेकर कहा

जाते जाते
जमा कर जाऊँगा

इस हरे भरे बैंक में...

दो चार टन
ज्वार बाजरा गेहूँ मकई धान

इसके व्याज से ही....

खाती रहेंगी
दो चार पीढियां
बड़े आराम से..... ।

कविता

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24 JAN 2017 AT 5:06

डूब गया डूब गया
नदी किनारे कोई चिल्लाया
मेरी कुछ समझ नही आया
मैंने तुरंत गोता लगाया
मगर मैं निकला हो के निराश
कोई नहीं डूबा था आस पास
मुझे पता था उस व्यक्ति का कथन अजूबा था
पर्वतों के पीछे सूरज डूबा था।

डूब गया डूब गया
झील किनारे कोई चिल्लाया
इस बार भी मैंने गोता लगाया
मगर निकला होकर हताश
बेकार गयी मेरी तलाश
मुझे पता था उसका क्या मंसूबा था
अमेरिका में कोई बैंक डूबा था।

डूब गया डूब गया
सागर किनारे पागल चिल्लाया
इस बार मैंने न गोता लगाया
ये सुन सुन के मैं ऊबा था
मुझे पता था कि सागर किनारे एक प्रेमी
प्रेमिका की आँखों में डूबा था।

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० एक डॉक्टर चाहता है कि हर आदमी बीमार हो
०वकील चाहता है कि हर आदमी झगड़ालू हो
० पुलिस चाहती है कि हर आदमी जुल्मी हो
० ठेकेदार चाहता है कि हर आदमी मजदूर हो
० बैंक जाता है कि हर आदमी कर्जदार हो
० दारू का ठेकेदार चाहता है कि हर आदमी शराबी हो
० नेता चाहता है कि हर आदमी भोला भाला अनपढ़ हो
० पुजारी चाहता है कि हर आदमी अंधविश्वास में डूबा रहे
० तांत्रिक चाहता है कि हर आदमी भूत प्रेतों से डरता रहे

❤️ लेकिन एक शिक्षक ही है, जो हमेशा चाहता है कि..
हर स्त्री पुरुष पढ़ा लिखा हो,
और जीवन में सफलता प्राप्त करके आगे बढ़े,
जिससे वह स्वयं का, अपने परिवार का,
मानव समाज का और देश का विकास करें

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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7 FEB 2017 AT 13:42

कौन कहता है,
बैंक वाले कवि नहीं होते हैं?
हर नोट..किसी के संघर्ष की
कहानी कहता है,
उसे सुन कर..
बैंक वाले नहीं रोते हैं?
कोई ज़िन्दगी बना कर,
'जमा' कर जाता है,
कोई ज़िन्दगी बनाने के लिये,
'निकासी' कर जाता है।
आते-जाते लोगों के सपने..
दिल में बसा लेते हैं,
कौन कहता है..
बैंक वाले 'सपने' देखकर नहीं सोते हैं?
ज़ल्दी में ग़लती करने वाले को..
डांटते हैं,
कोई रोता आता है तो..
मुस्कुरा कर उसका गम बांटते हैं,
कौन कहता है..
बैंक वालों के दिल नहीं होते हैं?
- साकेत गर्ग


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10 MAY 2017 AT 9:25

ओ प्रियवर !
हमारे दिल का बैंक दिवालिया हो चुका है
मुफ्त में मोहब्बत बांटना बंद कर दिया है

मोहब्बत चाहिये तो वफा लेते आइयेगा ।।

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20 JUN 2020 AT 7:15

सरकारी विफल योजनाएं
अधिकारियों की घूसखोरी
बैंकों के साख का ब्याज
मौसम की बेमौसम मार
साहूकारों का खूब तड़पाना
फासलों के दामों में कमी
उर्वरक के बढ़े बेतहाशा दम
आत्महत्या नहीं करता वो
किसान को मारा जाता है;

#किसानपुत्र

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