QUOTES ON #बेज़ार

#बेज़ार quotes

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सनो न...
ख़्वार-ए-अतीत है तो क्या हुआ
इश्क़ में फिर से जिन्दग़ी गुलज़ार करते हैं..

तुम्हें शिकायतें जो मुझसे बेशूमार हैं
आओ न बैठकर फ़ुरसत में बातें हज़ार करते हैं..

इक़रार करो या इंकार है तेरी रज़ा
हम तो तब भी तुमसे इश्क़-ए-इज़्हार करते हैं..

वफ़ाई में हसरतें सारी करके दफ़न
चलो न इश्क़ में फिर से जिन्दग़ी बेज़ार करते हैं..
❤️❤️❤️

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11 JUL 2021 AT 14:47

हम इश्क़ करते-करते बे-ज़ार हो गए हैं
दिल टूटने के अब तो आसार हो गए हैं

पहचान थे कभी हम मुस्कान की लबों पर
रिश्ते के अब मरासिम लाचार हो गए हैं

उनकी वफ़ा के चर्चे मशहूर थे गली में
अब ज़ख़्म देने वाली तलवार हो गए हैं

वो सिर्फ़ थे हमारे हक़ था हमारा उन पर
गुस्से में वो भी रद्दी अख़बार हो गए हैं

आते हैं ख़्वाब उनके मिलते हैं हम ख़ुशी से
दुनिया में वो किसी के घर-बार हो गए हैं

क्या ख़्वाब क्या हक़ीक़त सब झूठ हो गया अब
जब जान कहने वाले ख़ूँ-ख़्वार हो गए हैं

बस जिस्म से मोहब्बत 'आरिफ़' कभी न करना
ऐसा किया है जिसने मक्कार हो गए हैं

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3 JAN 2018 AT 23:21

बेज़ार हो गई हूँ ज़िन्दगी से
साँसे भी लूँ तो दम घुटता है

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18 DEC 2021 AT 21:53

Hello everyone,
वैसे तो इस platform ने बहुत अच्छे अच्छे लोगों से मिलाया
पर यहां आज कुछ ऐसा हुआ है जिसके बाद यहां रुकने की
जरा भी इच्छा नहीं है..
उसकी वजह इक लड़का है जो किसी को शक्ल से जज कर कर यह बताता है की वो क्या लिख सकता है या नहीं..
तों बात राधिका ( Monika ) जिन्हें बेज़ार के तौर पर भी जानते हैं..
तों उनकी कितनी ही पोस्ट पर इक लड़का बार बार उनके चहरे से ये अंदाजा लगाता है की वो ये लिख सकती है या नहीं
और कहता है
"खूबसूरत चहरे अक्सर इतनी गहराई नहीं लिख सकते हैं"
और इस लड़के ने बेजार की कितनी ही पोस्ट पर अलग अलग
ID's से flag कर दिया
और YOURQUOTE ने बिना जांचे परखे उनके 63 post delete kr diye..
Aur unko post and status krne se bhi rok diya..
Ye platform pr na koi security hai na hi resolve krne ke liye log..
So mai radhika ki taraf se msg aapko bhej raha hu..
Aur mai khud bhi yaha se jald se jald chala jaunga... Atleast ye kisi sahi insaan tak pahoch jaaye jo ye problem solve kr de..
Kisi ki mehnat pr kitni asaani se ye log Pani fer dete hai..

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6 JUN 2018 AT 0:57

तुमको मालूम था कोई नाम लेता था तेरा
अब जो बेज़ार हुए हैं तो कहते हो के सुनता भी नहीं

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1 MAY 2020 AT 2:54

जो गिरे हुए हैं
कुछ ख़्वाबों जैसे बेज़ार बड़े हैं

हवाओं के रुख़ सा वक़्त भी
ये दामन छुड़ाकर बेजान उड़े हैं

जुड़े ऐसे था नाज़ुक कोई नाता
मुँह मोड़े अब बेरुख़ी से खड़े हैं

मिसाल दे गर गुज़रे पलों की
खेल ख़त्म अब बेख़ुद पड़े हैं

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12 AUG 2021 AT 21:27

शैख़ नहीं गुनहगार हैं हम, अरे फूल नहीं ख़ार हैं हम
ग़ौर से ज़रा देखो हमें, मोती नहीं मुश्ते-ग़ुबार हैं हम

हम हैं वहाँ, जहाँ से हम को ही हमारी ख़बर नहीं
हैं उस हाल में कि आपने ही आप से बे-ज़ार हैं हम

अब न चारा-गर की है ज़रूरत,न दवा ही काम आए
ठीक जो कभी हो न सके, ऐसे वो बीमार हैं हम
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-सन्तोष दौनेरिया

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27 APR 2017 AT 8:14

कहते हैं करार उन्हें है,
पर बेकरार से दिखते हैं।
देख कर मेरी आंखे भीगी ,
कुछ बेज़ार से लगते हैं।
है कोई नहीं मेरा उनके सिवा
जाने क्यों स्वीकार नहीं करते।

अंदाज उन्हें है प्यार का मेरे,
फिर क्यूं इम्तहान सा लेते हैं
हर एक खुशी देकर जैसे
कोई अहसान सा कर देते हैं
प्यार उन्हें भी हमसे है
जाने क्यों स्वीकार नहीं करते।

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14 DEC 2021 AT 20:14

जिंदगी है, ग़म है,और ग़म-ख़्वार है
रिश्ता है, भाई है, और बेज़ार है

शीशे , कांटों से सजी हैं राहें हमारी
जों पढ़ ली तहरीरें तेरी, सब गुलबार है

इनका लहज़ा क्या ही बताएं आपको
ये मजबूत दिल, जैसे कोई दीवार है

सजदे में बैठे आपकी क़लम के हम
हम मुरीद नहीं , हम तो तलबगार है

दर्द , आशिकी, इंतेहाई, नज़ाकत
लगता है तहज़ीब , जौन तेरे यार है

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6 DEC 2021 AT 19:22

अब कौन, किसे और क्या समझाए?
यहां तो हर समझदार बेज़ार बैठा है।

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