जिंदगी है, ग़म है,और ग़म-ख़्वार है
रिश्ता है, भाई है, और बेज़ार है
शीशे , कांटों से सजी हैं राहें हमारी
जों पढ़ ली तहरीरें तेरी, सब गुलबार है
इनका लहज़ा क्या ही बताएं आपको
ये मजबूत दिल, जैसे कोई दीवार है
सजदे में बैठे आपकी क़लम के हम
हम मुरीद नहीं , हम तो तलबगार है
दर्द , आशिकी, इंतेहाई, नज़ाकत
लगता है तहज़ीब , जौन तेरे यार है
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