मेरे अरमान मेरी ख्वाहिश और मेरी तम्मना,
मिलो तो कभी फुर्सत से ये सब फिर, पूछना!
एसी पहेली बन गयी है ज़िन्दगी इन दिनों,
मुश्किल है बहुत ही जिसको समझना बूझना!
नादान दिल भले चल ले चुपचाप इस गली से,
इश्क की गली है ये, आगे रास्ता नहीं सूझना!
दिल किसी से लगाने को मना करता नहीं मैं,
टूट जाए तो जब, बस इलाज मुझ से पूछना!
करता हूँ इज़हार, ख़्वाहिश मन से, मन की,
लगे दिल को ख़ुशगवार तो इक़रार करना!
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