एक जीती जागती, ममता की मूरत, माँ जैसी वो एक सूरत, झाड़ू लगाती वो, इक औरत.... झाड़ू में बदल जाती हैं, हमेंशा जीती हैं औरों के लिए, जब कोई नहीं समझता उसे, तो एक समूची औरत, तिनका तिनका बिखर जाती हैं।
इस मतलब की दुनिया में मेरे ही दोस्त खास हैं !! मुसीबत जितनी भी हो सब दोस्त हमारे साथ है!! टूट कर अगर कोई दोस्त बिखरे करोना के डर से!! तो बता देना दोस्त हम जिदंगी भर तुम्हारे साथ है !! संतोष अनुरागी