Sãçhïïñ Amar 4 DEC 2019 AT 23:43 बवालजज्बात पे काबू रखो और हाथ थाम लोअपना दिल हमें दो और दाम लोइतनी सी बात पे भी क्या बवाल करना यारभेजा ठंडा रखो और दिमाग से काम लो कभी फुर्सत मिले तो मिलकर हिज्र मनाएंगेफिलहाल हाथ में गिलास रखो और जाम लोमत पूँछ उसने जो सितम किया हैअब क्या उस बेवफा का नाम लो !! - Aravind Patel 22 APR 2020 AT 21:15 जब वो चलती थी कमाल लगती थी,जैसे पानी में जलता चिराग़ लगती थी,कोई देखे गलत नज़र से तो उसेमेरे दिल में आग लगती थी..उसकी बातें दिल को मिठास लगती थी,जब वो लड़ती मुझसे तो बवाल लगती थी..कुछ बातें अच्छी तो कुछ नागवार करती थीफ़िर भी वो मेरी धड़कनों पर राज़ करती थी..उसके कानों का झुमका सलाम करती थी,फिर भी वो मेरे सांसों को बेमिसाल लगती थी..उसके लबों की हसीं क़त्लेआम करती थीयूं ही नहीं सबको वो लाज़वाब लगती थी..! - Shubham Patidar 11 MAR 2020 AT 16:03 झुकी झुकी सी नज़र तेरीसौ सवाल कर गई,उठीं जो फ़िर एक दफा तोकई बवाल कर गई... - Gourav Kashyap 9 JUN 2020 AT 1:25 गज़ब हो तुम,ये तुम्हारे नखरे कमाल,पहनती हो जब तुम साड़ी,लगती हो बवाल। - Anuup Kamal Agrawal 17 DEC 2019 AT 17:58 इतिहास की क्लास में गणित के सवाल करते हैं।कुछ तो करना है उन्हें, इसीलिये बवाल करते हैं। - Sandeep Vyas 12 JUL 2018 AT 18:05 हर सूरत-ए-हाल में, कुछ लोग कमाल करते हैं,चुप रहूँ तो अकड़ते हैं, बोलूँ तो बवाल करते हैं.. - taslim pathan 8 NOV 2020 AT 17:53 उसके कूचे से क्या गुज़रे हम बवाल हो गई झुकी हुई निगाहों से कई सवाल दाग गई - Jitendra Tambat 5 MAY 2021 AT 6:31 जवाब जानते है वो, बेवजह सवाल नहीं करते,खुशहाल जिंदगी का, बेवजह बवाल नहीं करते।सच्चाई की राह पर, जो चला करते है वो सभी,दिखावे के लिए वो, बेवजह अहवाल नहीं करते। - Saket Garg 8 MAY 2017 AT 21:05 हमने भी आज महबूब का क़माल देखा हैआँखों में उसकी 'मोहब्बत का' सवाल देखा हैजो हमसे कभी नज़रे भी ना मिलाता थाज़ेहन में उसके 'अपने लिये' ख़्याल देखा हैतन्हाइयों में रोते-रुलाते कट रहे थे सारे दिनआज हमने 'सारी रात' मोहब्बत का बवाल देखा हैअब तक थी ज़िन्दगी स्याह काली सीआज हमने 'रंग-ए-मोहब्बत' लाल देखा हैहर कोई बिक रहा है मोहब्बत के बज़ार मेंहमने भी 'बज़ार' में यह दिल उछाल देखा हैसुना है मोहब्बत में बहक जाते हैं ख़्वाब सारेहमने 'एक ख़्वाब' कईं ख़्वाबों को संभाल देखा हैमोहब्बत में हो जाती है जिस्म-ओ-रूह यार की 'सागा'हमने भी इस बार 'ख़ुद में से' ख़ुद को निकाल देखा है- साकेत गर्ग 'सागा' - Anuup Kamal Agrawal 25 JAN 2018 AT 2:25 दर्द इश्क़ को भी जरूर होता होगावो भी तन्हा रातों में रोता होगाबेकाबू हो जाती होंगी उसकी धड़कनकिसी के सीने में सर रख जब वो सोता होगा -