"क्या हर्ज़ है मुझे!"
यदि किसी को मिलती है,
एक पल की ख़ुशी मेरे मुस्कुराने से,
यदि किसी की दुनिया सजती है,
संग मेरे साथ कुछ वक़्त बिताने से,
यदि किसी को सुकून मिलता है,
मेरे साथ सुख-दुःख बाँटने में,
तो क्यों सोचूँ मैं!,
फ़िजूल दुनिया के उलझे सवालों के बारे में,
फ़िर क्या हर्ज़ है मुझे!,
हर जन्म में उसका हमसफ़र बन जाने में।
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