कभी थे तुझ पर फिदा आज अलहदा ही ठीक हैं, कभी थे बेहद वफादार आज बेवफा ही ठीक हैं, था एक वक़्त जब कहते थे- चलते हैं फिर मिलेंगे, आज कहने के लिए तुमसे बस अलविदा ही ठीक है.
समझ नहीं आता कि ऐसी क्या अदा है मुझमें , जो अजनबी मुझ पर फिदा हो जाते हैं ... और ऐसी कमी क्या है मुझमें , कि जिसे अपना मानती हूं वो ही जुदा हो जाते हैं ...