QUOTES ON #प्यारीहिंदी

#प्यारीहिंदी quotes

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15 SEP 2018 AT 0:37

आज तुम पढ़े-लिखे हो
समाज में अच्छा नाम है तुम्हारा
फटाफट इंग्लिश बोलते हो
पर हिंदी बोलने से डरते हो
कोई कुछ बोल ना दे
बेइज्जती ना हो जाए

याद करो जब भी
चोट लगी
तुमने मॉं को पुकारा
सबसे पहला शब्द
मॉं था तुम्हारा
बचपन में टूटी-फूटी
हिंदी में बोलना सिखा

फिर क्यों आज
हिंदी को भूले हो तुम
अपनी मातृ-भाषा को
बोलने से डरते हो तुम
हिन्दी से हो तुम
हिन्दी से हिंदोस्ता
अपनी मातृ-भाषा का
फहरता रहे तिंरगा 🇮🇳

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14 SEP 2018 AT 9:15

कुछ लोग यूँ ही अचानक
मिल जाते हैं ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर
और साथ निभाते हैं अक्सर
ज़िन्दगी के आखिरी छोर तक
ये अजनबी होते हुए भी
अपने से बन जाते हैं
और ऐसे लोगों से रिश्ते
बड़ी आसानी से बन जाते हैं
इन रिश्तों का कोई नाम नहीं होता
और शायद इसलिए इन रिश्तों का
कोई अंजाम नहीं होता!!

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14 SEP 2018 AT 10:01

जैसे आंखों से दूर नमी होती जा रही है
शब्दों में हिंदी की कमी होती जा रही है।

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14 SEP 2018 AT 23:04

हिन्दी अहसासों की भाषा है,
अपनत्व की परिभाषा है।
विश्व धरोहर, पूर्ण चन्द्र सी,
हर मन की अभिलाषा है ।।
अन्य भाषा के समक्ष,
अपमानित न होने पाए,
जाने कितने, जिस भाषा ने
दिनकर जैसे कमल खिलाए,
माँ भारती ने जिस भाषा को,
पग-पग स्वयं तराशा है।
मातृभाषा का गौरव अटल रहे,
आप सभी से छोटी सी आशा है।।

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14 SEP 2018 AT 15:27

राष्ट्रभाषा नहीं, ना सही,
हिंदी का तो सारा जहां है..
मातृ तो मां होती है,
और मां से बढ़कर क्या है..

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हिंदोस्ता की जान अपनों की पहचान।
सहजता का एहसास जिससे जुड़े है गीतों के सार।

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17 DEC 2018 AT 20:56

ये उन दिनों की बात हैं
जब whatsapp , Facebook
ज़माने में आने बाकी थीं
तब ख़तों में ही यादें संजोयी जाती थीं।

ये उन दिनों की बात है
जब digital card जैसा शब्द भी कोई सोच नही सकता था,
तब हाथ के कार्ड में बनाने वाले का प्यार जो नजर आता था।

ये उन दिनों की बात है
जब एक दोस्त की कीमत लाखों में हुआ करती थी
आज लाखों है इंटरनेट से मगर कीमती कोई भी नहीं।

ये उन दिनों की बात है
जब “यारा तेरी यारी को मैंने तो खुदा माना” गानों में जिंदगी समाई सी लगती थी ,
आज गानों के बोल कम और उनमे “dj” के “ढोल” का शोर ज़्यादा दिखता है
जिसको सुन कभी -कभी सर सा दुखता है।

ये उन दिनों की बात है।।
जिसे लोगों ने बनाई बीती याद है।।
जिसकी खुशबू भी ताज़ी आज है।।
ये उन दिनों की बात है ,ये उन दिनों की बात है।।
--संध्या--


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14 SEP 2018 AT 11:28

बिना लिपस्टिक खराब किये धाराप्रवाह अंग्रेज़ी बोलने वाली देश की प्रगतिशील नारियों को भी हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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13 SEP 2018 AT 21:54

हमारी हिंदी
देखो चुप चुप रहने लगी है
बेचारी हिंदी।

भाती सबको क्यों अंग्रेजी?
क्या सचमुच है भारी हिंदी?
राष्ट्र भाषा के लिये लड़ते लड़ते
लगता है अब हारी हिंदी।


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13 SEP 2018 AT 23:41

भाषाओं का ज्ञान जरूरी है,
लेकिन बिना हिंदी के ये बात शायद अधूरी है|

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