Navya Saxena 21 MAY 2021 AT 15:32 मेरे मन में पनप रहा था,एक बीज अकेलेपन का,बनता जा रहा है अब पौधा, वो बीज धीरे- धीरे। - Mrbenaam 13 NOV 2019 AT 18:49 इन दिनों खुशबू मेरे साथ नहीं होतीसमझो चमेली से अपनी बात नहीं होतीइधर देखो सूरजमुखी-सूरजमुखी हुई पड़ी हैएक शाम के बाद मेरे गाँव में रात नहीं होतीएक पौधा सूख गया खारे पानी सेकिसने कहा इन आँखों से बरसात नहीं होती - Jai Kumaar 23 DEC 2017 AT 17:56 सोच रहा हूँ तकलीफों का एक पौधा लगा लूँ,बेवफ़ाई की यादों से, उसे रोज सींचता रहूँगा। - Ruchi Prajapati 3 NOV 2019 AT 16:24 भावनाएं , पुष्प एवं मिलनबाँधने लगे जैसे हो प्रेम का बंधनRuchi prajapati... - Anuup Kamal Agrawal 28 JUL 2019 AT 21:17 सींचती हैं आँखेंतेरी यादों का पौधाखिलते हैं ख़्वाबजो चुभते भी हैं। - राणा माधवेन्द्र प्रताप सिंह 16 NOV 2017 AT 23:19 बात को समझो, दौर को समझोबचपना छोड़ सख्त बन जाओ ।इससे पहले की कुचल दे दुनिया मेरे पौधों दरख़्त बन जाओ ।। - Rupali Jain 5 JUN 2021 AT 14:21 "सहनशीलता" इस धरती की , जो कितने परिषह सहती हैं।देख दशा क्या हो गई है , ये मुरझाई सी आँखें कहती हैं। पल में टूटे....पल में छूटे...... अब एक-एक साँसों की गिनती है। गर यह तन- चेतन- ना - मन- चेता , तो क्या हममें मानवता बसती है।। - Antra 24 JAN 2020 AT 20:07 किसी भी मिट्टी में पनप जाता है,सिंचाई के लिए कुछ बूंद ही काफी हैं,मौसम का इस पर कोई असर नहीं।बिना सहारे के आगे चलता है,और काटने पर और भी बढ़ता है।प्रेम जरूर ही कोई जंगली पौधा होगा। - ANAMIKA GHATAK 5 JAN 2019 AT 10:57 दिल तो पत्थर का ही थान जाने झरने कैसे बहने लगेसतह मजबूत थी मेरी परजाने कैसे पौधे इश्क़ के उगने लगे - Antra 1 DEC 2019 AT 21:12 एक तरफा प्रेम वो पौधा है,जिसे बढ़ने के लिए जरूरत नहीं,किसी की फिक्र की धूप की,किसी की उम्मीदों की खाद की, याकिसी की उपस्तिथि की सिंचाई की…ऐसे ही, एक दिन वह बन जाता है, …एक विशाल वृक्ष और देने लगता है …छांव… बाकी ऐसे पौधों को। -