QUOTES ON #पैगाम

#पैगाम quotes

Trending | Latest
1 FEB 2021 AT 20:49

कभी अरमान लिखता हूँ कभी पैगाम लिखता हूँ !!
मै अपने दिल की धड़कन को तुम्हारे नाम लिखता हूँ !!

जहाँ भी हो मिरी हमदम वहाँ से लौट आओ तुम !
तुम्हारे ही ख़यालों को सुबह-औ-शाम लिखता हूँ !!

न जाओ छोड़कर मुझको तुम्हारी याद आयेगी !
तुम्हारी याद में खुद पर नये इल्ज़ाम लिखता हूँ !!

कलम की नोंक के नीचे तिरा जो नाम आ जाये !
मुझे तुम माफ कर देना यही अंजाम लिखता हूँ !!

नज़र भर देख लूं तुमको नशे में डूब जाऊंगा !
यही मैं सोचकर तुमको नशीला जाम लिखता हूँ !!

नही कृष्णा खबर कोई तिरे बदनाम होने की !
करे बदनाम जो तुमको उसे बदनाम लिखता हूँ !!

-


21 JUL 2020 AT 17:46

बेशक ये हवाएं किसी का पैगाम लाई हैं
आज नमी है सर्द हवाओं में
लगता है उसने आंसु बहाई है ।

-


3 JUL 2020 AT 21:45

मेरा लिखा गया वो पन्ना लोगो में काफी मशहूर हुआ
जिसे मेरे अज़ीज ने कभी पढा ही नहीं ।
कोरा कागज़ भी कह दूँ उसे तो कम ही होगा
मशहूरियत तो मिली पर वो पैगाम उसे कभी मिला ही नहीं।

-


14 OCT 2020 AT 21:57

जाने क्यों ये महसुस हुआ है के तुने मुझे महसुस किया है...
यूं अचानक से तेरी याद का आना यही पैग़ाम दे गया है ...

-


1 FEB 2020 AT 16:58

भेजता हूँ, प्रीत का पैगाम
बहती सर्द पुरवाई संग संग
समां आगोश में,, तुम भी
व्यवहार अपना, निभा लेना

-


22 APR 2018 AT 17:52

पैगाम भेजा था खुदा को कि, घर भेजना जल्दी उन्हें,
याद आ रही है, हमें उनकी और उन्हें हमारी।
मगर खुदा भी, बड़ा जा़लिम निकला,
भेजा तो है घर जल्दी तुम्हें, मगर कफ़न में लिपटे है, शव तुम्हारे।।

-


30 JUL 2020 AT 9:45

पूछ कर मेरा पता बदनामियां मत मोल ले
ख़त उड़ा दे हवाओं में पैगाम मुझे मिल जायेगा

-


18 MAY 2018 AT 22:51

अक्सर, देख के हमें, तुम अपनी, पलकें झुका लेते हो,
क्या? ये तेरी मोहब्बत़ का, पैगाम है।
या, हमसे नज़रें मिलाने से, कतराते हो।।

-


27 JUN 2020 AT 18:31

न जाने क्या हुआ एक अरसे से उनका पैगाम नहीं आया !
ऐ पाती वाले क्या सच में कोई खत मेरे नाम नहीं आया !

दुआ भी की मन्नत भी की काश पहुंच जाए एहसास,
सब तदबीर करके देख लिया कुछ काम नहीं आया !

तलाश में उनकी बस ख्वाब दर ख्वाब बहता रहा हूँ,
जहां राहें मिल सके ऐसा कोई मक़ाम नहीं आया !

ये प्रेम ये संगीत उनके बिना अधूरा ही लगता है,
जब से साथ छूटा है धड़कनों में कयाम नहीं आया !

कैसे यकीं दिलाऊं खुद को बहुत मुश्किल है 'कवित'
कि खुशबू उनके शहर की लेकर कोई पयाम नहीं आया !

-


21 SEP 2020 AT 21:48

अगर ना रहु पास तुम्हारे
तो अपनी परछाई में तुम
मुझे ढूँढ लेना,रखकर अपना
हाथ ह्रदय पर अपनी धड़कनों
में मुझे महसूस कर लेना।
चाहो मेरा दीदार तो ख़ुद
को आईने में देख लेना।
मिल जाए कोई तुम्हें मेरी
जान-पहचान का,
तो उसे एक बात कह देना,
‘याद हु मैं तुम्हें आज भी’ उसके
ज़रिए मेरे लिए ये पैग़ाम भेज देना।

-