कुछ क़र्ज़ बाक़ी है ज़िन्दगी, थोड़ा उधार हमें चुकाना है। कुछ गम दिये है तूने, थोड़ी खुशियां हमें बताना है। यूँ नाराज़ होके कहा जाती है तू अभी तो तूफान इक आना है। चल रुक जा ए ज़िन्दगी, क्यूँ क्या अब न तुझे सताना है। अभी तक तो खूब पीछा किया मेरा अब क्यूं दबे पांव चले जाना है।
इस दुनिया के जलजले को मिटा दुन्गा, हाँ तेरी फ़िक्र करना हमेशा के लिये छोड़ दुन्गा, बस तु जरा बेइज्जती से पेश होके तो देख, तुझे दिन मे भि चाँद दिखा दुन्गा... 😂