QUOTES ON #पुरूष

#पुरूष quotes

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13 AUG 2020 AT 7:09

जब बटवारा हुआ पुरुष के
किरदार का तब,
किसी के हिस्से पिता आया
तो किसी के हिस्से बेटा,
किसी के हिस्से भाई आया
तो किसे के हिस्से पति,
मगर उसके हिस्से में क्या
आया?
उसके हिस्से भी आया.......
एक मँजा हुआ किरदार
और जिम्मेदारियों के बोझ
से दबा हुआ एक शख़्स!

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16 JUN 2018 AT 19:52

हाँ वो एक पुरूष होता है

कृपया अनुशीर्षक पढ़े

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25 AUG 2019 AT 12:30

सुनो !
पुरुष के से गुण अब भी नही आये मुझे
मैं एक नारी हूँ ! इच्छाओं को त्यागना ही सीखा ...

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थोड़ा सा प्यार और सम्मान,
इसके अलावा कोई भी स्त्री
चाहती ही क्या है पुरूष से..!

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21 APR 2020 AT 10:35

सुनो ,
स्त्रियों को लेकर भी पुरुषों का प्रेम दो तरह का होता है । एक वो पुरुष होते हैं जिनका प्यार स्त्री के कपड़े से छलकते हुए उभारो तक कि सीमित रहता है। उनकी नजरें वही फिसलती है और टटोलती रहती हैं उसके जिस्म को अपनी निगाहों से ।

फिर होते हैं दूसरे तरह के पुरुष जिनकी निगाहें स्त्री के उभारों पर नहीं फिसलती बल्कि उलझ जाती है स्त्री की जुल्फों से, अटक जाती है उसके दुपट्टे के धूंधरूओं से और ठहर जाती है उसकी मुस्कान पर ।सुनो, मुझे सिर्फ दूसरे तरह के पुरुष पसंद हैं तुम्हें तो पता है ना तुम किस तरह के पुरुष हो।

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19 JUL 2020 AT 18:01

स्त्रियां जब प्रेम में होती हैं
रंग बिरंगी चूड़ियां पहनती हैं
पुरुष जब प्रेम में होते हैं
उन चूड़ियों को टूटने नही देते।

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20 NOV 2019 AT 15:34

साल दर साल
बरस दर बरस
होने नहीं देता वो
अश्रुपात अपने नेत्रों से
क्योंकि......
आंसुओ का गिरना
पुरूषत्व का ह्रास
जो समझा जाता है....

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10 APR 2021 AT 15:33

स्त्रीयों और बच्चों के "रूदन कि पुकार"
ईश्वर तक उनसे पहले पहुंच पाए और
शीघ्र "हर" ली जाय उनकी "पीड़ा",
इसलिए शायद "पुरुष" चाह के भी नहीं हैं "रोते"
और अपनी "वेदना" को नहीं होने देते
ईश्वर के समक्ष भी "प्रकट"..!!!
(:--स्तुति)

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20 MAY 2021 AT 10:45

लेशमात्र भी जिनमें,
न होता अभिभान,
करते न स्वंय कभी,
अपनी महिमा का गुणगान,
करबद्ध शत शत नमन
"हे देवमनुज"
नतमस्तक हो "अभिधा"
तुम्हें करती प्रणाम....

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19 NOV 2020 AT 18:31

घर तो तुम ही चलाओगे ना
बच्चो को तुम ही पढ़ाओगे ना
बाज़ार तो तुम ही जाओगे ना
बारिश में बिल भरके तुम ही आओगे ना
इतनी धूप में बैंक तुम ही जाओगे ना
पापा को Pension Office
और मम्मी को Dr के तुम ही ले जाओगे ना
बहन की शादी है, खर्चा तुम ही उठाओगे ना
भाई के Admission के लिए धक्के तुम ही खाओगे ना
घर का Loan तो आखिर तुम ही चुकाओगे ना
तुम भरोगे बच्चो के स्कूल की फीस, पर पैसे कम है ये भी नहीं बताओगे ना
बस ज़िम्मेदारियां आयी है तुम्हारे हिस्से, मुस्कुरा कर निभाओगे ना
प्रियसी की भी है तुमसे कुछ आशा, उन्हें पूरा कर पाओगे ना
वो सपनो से सुंदर जहां पत्नी का, उसे तुम ही बसाओगे ना
है पुरुष, तुम ही तो मेरी ढाल हो, मेरी तलवार हो, हर दुश्मन से मुझे तुम ही बचाओगे ना
ज़िन्दगी का Steering Wheel तुम्हारा है
इसे संभाल के चलाओगे ना
तुमको बन के दिखाना है बेटे का Idol
और बेटी के Hero भी बनके दिखाओगे ना
कोई मुश्किल आ जाए कभी अपनों पर तो
सबको Safe कर ख़ुद आगे आ जाओगे ना
चोट लगी है और दुख रहा है पर कभी नहीं बताओगे ना
कभी मायूस है कर बैठोगे तो दो आंसू भी नहीं गीराओगे ना
अपनी ख्वाहिशें, ज़रूरतें, तुम भूल जाओगे ना
डर कुछ तो तुम्हारे भी होंगे पर ये खुद को भी नहीं बताओगे ना
इंसान तो तुम भी हो पर, मर्द बन कर दिखाओगे ना

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