दोबारा किस्सा दोहराना है तो इस बार शर्त हम रखेंगे,
तुम्हे सिर्फ मुजसे वास्ता रहे और फ़ितूर सिर्फ मेरा हो!!
टूकड़ा टूकड़ा चाह कर हमसे फारिग हो जाते थे,
इस बार अहद-ए-वफ़ा करो और जूनून सिर्फ मेरा हो!!
महरूम रखते थे जो पहले तुम मुजे तुम्हारे वक़्त से,
अब पल-पल तुम मुजे ढूंढो और खुमार सिर्फ मेरा हो!!
वादा करो! वो नादानी या गुस्ताखीयाँ दोबारा नहीं करोगे,
अदब-ओ-एहतेराम से रहें और अहम दर्जा मेरा हो!!
ये खेल बड़ा ही संजीदा है,इसे दिलचस्प तुम बनाओगे,
जख्म भी कई मिलेंगे और उस पर मरहम सिर्फ मेरा हो!!
हाँ ये समजोता है!पर इसमें पेहले सी मिठास तुम भरोगे,
शरीक नहीं होगा कोई तीसरा तुम पर हक सिर्फ मेरा हो!!
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