QUOTES ON #पहलीमोहब्बत

#पहलीमोहब्बत quotes

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पहली सी मोहब्बत

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16 MAY 2018 AT 12:33

||मेरा पहला इश्क और आखिरी मोहब्बत||

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11 MAY 2021 AT 8:15

पहली मोह्ब्बत ❤️ था मैं तुम्हारी,
मेरा ख़्याल भी तुम्हें सताता होगा......

#पहली_मोह्ब्बत

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7 AUG 2021 AT 19:43

पहली सी मोहब्बत तुमसे आज भी है !
तुमसे मिलने की चाहत दिल में आज भी है !!

दिल में वो प्यार का एहसास आज भी है !
लबों पर ख़ामोशी और आंखों में प्यार आज भी है !!

तुझे अपना बनाने की चाहत दिल में आज भी है !
तेरी बाहों में टूटकर बिखरने की हसरत आज भी है !!

एक-दूजे की हम दिल और धड़कन आज भी हैं !
तेरे लिए मेरा दिल बेकरार आज भी है !!

मेरे लबों पर तेरा नाम आज भी है !
तू मेरी ज़िन्दगी जीने की वज़ह आज भी है !!

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11 MAY 2021 AT 13:00

"हरेक ख़्वाब में तेरे साथ जाऊँगा मैं,
मैंने कहा था, तुम्हें याद आऊँगा मैं,

मेरी क़ब्र पे तेरा आना जाना हो 'तितली',
मेरी क़ब्र पे हरदिन गुलाब लाऊँगा मैं......."

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24 MAY 2020 AT 10:08

"लाज़मी है तुम मेरी पहली मुहब्बत हो,
भला तुम्हें कैसे भुला पाऊँगा ?
टूटे दिल ,बिखरे ख्वाब,बेहते अश्कों को समेट लेने दो,
इन्हें लेकर तुमसे कहीं दूर चला जाऊंगा ।"

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7 AUG 2021 AT 10:25

बड़ी ही जानलेवा होती है साहब ये पहली सी मोहब्बत
लग जाए ये रोग तो काम ना आती है कोई भी इबादत

अच्छे अच्छे भी मजनूँ बने फिरते हैं लैला की गलियों में
इश्क़ होते ही भूल जाते हैं दीवाने अपनी सारी शराफत

ख़ुद ही डूबते उबरते रहते हैं उसके निगाहों के समंदर में
रास नहीं आती इनको उस वक्त किसी की भी हिदायत

फँसे जो इसके जाल में तो फिर निकलना मुमकिन न होगा
हमदर्द हों चाहे जितने भी तेरे कर सकेंगे ना तेरी हिफाज़त

जब तक हो मुमकिन बचके ही रहना यारों मर्ज–ए–इश्क़ से
तुम मानों ना मानों मर्ज़ी तुम्हारी मेरी तो रहेगी यही नसीहत

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9 SEP 2020 AT 13:07

ख़्वाहिश नहीं तेरी महफ़िलों की हमें,
हम तो तेरी दी हुई तन्हाईयों के मुरीद हैं,
अपनी नज़रों से हमारा अक्स छुपाओगे कैसे..
कि हम तो तेरी पहली मोहब्बत के चश्मदीद हैं

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7 AUG 2021 AT 19:43

पहली सी मोहब्बत हमसे दोबारा न हो सकेगी
बुझी शम्मा तो रौशन दोबारा न हो सकेगी


जो खूंटी से टाँगे रक्खा है दिल का इक टुकड़ा
उस टुकड़े में हलचल अब दोबारा न हो सकेगी


हाँ साँस लेने की रवायत है अब भी मुसलसल
मगर ये ज़िंदा-लाश ज़िंदा दोबारा न हो सकेगी


इश्क़ के वास्ते बानगी-ए-जाँ-नि'सार कर दी
अब हमसे ये क़ीमत अदा दोबारा न हो सकेगी


मौसम-ए-हिज़्रा के अब्र में नहायी है यूँ "काजल"
चाह-ए-वस्ल अब हमसे दोबारा न हो सकेगी



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5 FEB 2020 AT 10:30

पहली मुहब्बत मुझे हासिल ना हुई
दूसरी के मैं कभी क़ाबिल ना हुई

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