Siraj Ud Daula Tintoiya 24 MAY 2021 AT 9:35 भीगी भीगी पलकों से दिल का दर्द छलक जाता हैलैला हो या मजनूँ मोहब्बत का नशा उतर जाता है - RITU Srivastava 14 AUG 2021 AT 16:29 पलकों के सन्दूक मेंअवकलित हैं तस्वीरें तुम्हारीनयनजल पर बाँध बनायाना बह जाए कही तस्वीर तुम्हारी - Bittu Raj 26 APR 2021 AT 18:31 तुझे शाम की सुनहरा पल बनालूँतुझे पलकों में बसा लूँतेरी हर बातों कोअपने दिल में छुपा लूँ - Monika Raj 31 MAY 2018 AT 23:10 अपनी इन निगाहों के, पलकों को गीरा लूं, या इन्हें, तेरी निगाहों से मिला लूं। बता अपनी रज़ा, किस अदा से, तुझे अपना बना लूं।। - Monika Raj 10 JUL 2018 AT 15:58 खेल, पलकों को झपकाने की, क्या? खुब, हम भी, खेला करते थे, सबको हराकर, खुद को, सिकन्दर भी, कहा करते थे। सोचा, तुझे भी हरा देगें, इन आंखों के, खेल में, मगर, कमबख्त, पलकें हमारी, झुक गई, तुझे देख के।। - दीप शिखा 22 FEB 2019 AT 22:48 क़ुर्बतों में भी फासलों की झलक देखी है, देखा है मुस्कुराती पलकों को टूटते अक्सर ! - REKIBUDDIN AHMED 29 JUN 2020 AT 19:42 उसकी पलकों पर सजी काली घटाएं जैसे बादल बनकर मुझ पर बरसने लगी, तभी उसने मुस्कराकर अपनी जज़्बातों को दिल में दबाना चाहा, मगर मेरा दिल इतना भी नादान नहीं कि उसकी जज़्बातों का एहसास न हो, उसकी खामोशी हो या मुस्कराहट या फिर निगाहों की शरारत, मेरा दिल रखता है ख़याल, उस दिल से निकली हर धड़कन की आहट... - दीप शिखा 28 FEB 2019 AT 9:52 रात इक ख्वाब आँखों में आकर ठहर गया,और वो शोखियांँ झुकी पलकों की देखते रह गए ! - Komal Rawat 28 JAN 2018 AT 13:05 तेरे इश्क का नूर चढ़ा है मुझपर इस कदर के तू मेरे साथ भी नही और मै तन्हा भी नही तेरी बातों की खुशबू मेरी रूह मे उतरी है इस तरह के मै खुद मे भी नही और कहीँ खोयी भी नही तेरी चाहत की आरजू जो गूंजी फिज़ा मे तूने सुनी भी नही मैने कही भी नही तुझसे जुदाई का डर ठहरा जो आकर इन पलकों परकुछ बेबस अश्क़ों की तरहजो सूखा भी नही और बहा भी नही.... - RITU Srivastava 31 MAR 2023 AT 22:44 जिस्म के पैरहन के पार पहुँच गये तुम कैसे तेरे छुअन का अहसास आज भी है वैसे तेरे जाने से मौत मिली उस रोज मुझेउस दिन के हादसे को भूल मैं जाऊँ कैसेतुझ से मिलन के अरमानों का गला घोंटू कैसे उम्मीद के जलते चिरागोंं को बुझाऊॅं कैसे जिस्म क्या रूह भी नाम कर दी तेरेअब मेरा मुझमें कुछ बचा नहीं बताऊँ कैसेखुली नजरों से नजर आते नहीं तुम वैसे बंद पलकों में कैद हो तुम राज की बात बताऊँ कैसे -