QUOTES ON #परिहास

#परिहास quotes

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15 JUL 2017 AT 16:09

पल दो पल के उन्मादित पलों को,
अनुराग समझ परिहास बनी,
कोमल एहसासों को अपने पाषाण में तराश  रही,
क्षणभंगुर जगत में अमरता मैं तलाश रही,
प्रेम -विरह की पीड़ा जीवन में अवसाद बनी,
कुसुमित एहसासों के पल,
है मुझ पर अब भार बनी,
सोते -जगते नयनो में,
सपने जो जगमग दिन-रात करें,
जुगनू बन भ्रमण करें,
अब उनका रस्ता मैं ताक रही,
छिन्न हुए हालातों को कब से हँस-हँस कर,
मैं  टाल  रही,
अवसादो से भरे पलों को जीवन में ढाल रही,
तन्मयता अमिट प्रेम की जीवन से मैं हार चली,
पल दो पल के उन्मादित पलों को,
अनुराग समझ परिहास बनी ।।

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19 JAN 2020 AT 13:53

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27 OCT 2020 AT 21:14

शुक्ल कृष्ण की कितनी रातें,
ईक नाम तुम्हारे करी थी मैनें।
दिवस प्रतीक्षा समेट अनंतम,
स्वयं आँचलतल भरी थी मैनें।।
आभा चन्द्रप्रभा में भूलें मुझे,
क्यों अब सुध मेरी लेते नहीं।
मध्यरात्रि बयारों के संग संग,
आलिंगन लग मेरे बहते नहीं।।
सौंपना था एंकात अंधेरा तो,
मुझ 'तारे' में उजास ना भरते।
ओ चंदा मेरे निश्छल प्रेम का,
काश! तुम परिहास ना करते।।
काश! तुम परिहास ना करते।।

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2 JAN 2019 AT 21:35

बड़े मसरूफ़ हो शायद,
कोई इतिहास बने लगते हो।

अपनेपन की सोच दफ़्न कर,
कोई परिहास बने लगते हो।

अरे! इतनी भी कैसी पाबंदी!
दिल्लगी तक नहीं कर पाए?

बंदगी स्वीकृत कर ली है??
वक़्त के तुम दास बने लगते हो!!

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16 AUG 2021 AT 11:30

निर्लज्ज समय,
उच्छवास के दोने में
लिए आता है दो पल जीवंत से
देखो क्या परिहास नहीं तुम्हारा हे ईश्वर
जो दिया कितने जतन किए
और काल के धागे
सब सूत कर क्षणिक कर गए।

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22 AUG 2018 AT 13:48

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जिंदगी में आज भी मेरे रिश्तों में शीत का निवास है।
मैंने जिंदगी में सब रिश्तों को संजोया,
इसलिए मेरी रुह भी मुझ पर कारसाज है।
मेरी जिंदगी में मेरे हमसफर ही हमराज़ हैं।
अब जिंदगी सच को ढूंढ ले, बस यही मेरी रुह की अवाज है।
सब रिश्तों को आग से बचाती जाऊँ मेरे देखे स्वप्न का ये अगाज है।
कांटे चुभते हैं बहुत इस राह पर लेकिन मेरा हौसला ही मेरी जीत की आस है।
रिश्तों को निभाने के लक्ष्य को भेद लूं, इसलिए लेखनी भी मेरी उठाईअवाज है।
जो रिश्तों को बचा ले जलती आग से,
उस आग को समाहित करने की ज्वाला का भी मुझमें में वास है।
हर रिश्ते - नाते हो रहे लहूलुहान है,
अब मरहम रुपी जीत का पताका भी मेरे हाथ है।
इस रुह की अवाज पर अब मेरे लक्ष्य को भी नाज है।
इस लक्ष्य को जो न भेदन किया, तो मेरी जिंदगी भी अब परिहास है।
जिंदगी में आज भी मेरे रिश्तों में शीत का निवास है ।
रजनी अजित सिंह 22.8.18

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12 AUG 2018 AT 15:25

हर पल हमने तुमसे प्यार किया!
अर्द्ध रात्रि में नींद से उठकर,
तन - मन में बस प्यार ही भरकर,
मैंने तो तेरे चरणों में तन-मन सब कुछ वार दिया!
हर पल हमने तुमसे प्यार किया!
यह अधिकार जमाया हमने और न कुछ कहने पायी।
तेरे अधरो पर अधरो का हमने था रख भार दिया!
हर पल हमने तुमसे प्यार किया!
मिलन का क्षण अमर हुआ जीवन में,
आज उठा परिहास जो मन में,
बसा खुशी का पल जो उर में,
तुमने जीवन भर का विश्वास दिया।
हर पल हमने तुमसे प्यार किया!
रजनी अजित सिंह 12.8.18

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12 APR 2021 AT 16:02

नादानी में भी
जिम्मेदारियां कुछ कम न थी
कोई हरकत सूझे भी कैसे
खामखाँ जूते जो नज़र आते!!!😁

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7 JUN 2017 AT 19:19

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1 APR 2020 AT 23:02

कभी कुछ शरारत का मन हो तो कर जाइये,
पहले थोड़ा मुस्कुराइये,
बीवी के पास जाइये,
गर्ल-फ्रैंड की तस्वीर दिखा ज़रा छिप जाइये,
दूर-दूर से ही गर्ल-फ्रैंड के किस्से सुनाइये,
बीवी बेलन लेकर आये तो नज़र न आइये,
कहीं कुछ टूट-फूट न हो, झटके से बच जाइये,
धड़ल्ले से यों बस चुटकुले सुनाइये,
परिहास में पूरे परिवार को ज़रा डुबोइये,
गमगीन माहौल को खुशनुमा बनाइये,
हँसी के फुव्वारे उड़ाते रहिये,
हँसते और हँसाते रहिये।

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