QUOTES ON #परछाई

#परछाई quotes

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6 AUG 2020 AT 23:44

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27 SEP 2020 AT 18:29

फ़िक्र में वो तमाम यादें, ख्यालों में उथल-पुथल दे गई,
मगर गई तो भी वो लेकिन मुझमें अपनी कमी दे गई!

नींदों में ख़्वाबों का रेला और यादों का नजराना दे गई,
हकीकी नहीं लेकिन फिर भी एक धुंधली तस्वीर दे गई!

आँखों में कतरे अश्कों के और पलकों में सैलाब दे गई,
जाते जाते खत में वो पहला पहल सूखा गुलाब दे गई!

आँखों मे अक्स दर अक्स और खुद की परछाई दे गई,
दूर बहुत दूर होकर भी लेकिन वो नजदीकियां दे गई!

खामोशियों में लफ्ज़ और लफ्ज़ों में खामोशी दे गई,
लेकिन अनकही बातों की दर्दभरी फ़ेहरिस्त दे गई!

दुआ में खुद और ख़्वाहिश में मन्नत का धागा दे गई,
सिंदूर के हक़ में वो लेकिन अपना सबकुछ दे गई!

रूह में मोहब्बत और मोहब्बत की एक मिसाल दे गई, _राज सोनी
सबकुछ छीन के मुझसे लेकिन वो अपना दुपट्टा दे गई!

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19 FEB 2019 AT 21:23

पता है तुम्हें कैसे रहते हो तख़य्युल में मेरे,
जैसे धूप रहती है ना, ज़ेहन में परछाई के!!!

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28 AUG 2019 AT 9:01

प्रेम वो 'परछाई' है जो...
...'अंधेरे' में आपके साथ रहती है।

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16 APR 2019 AT 12:38

काली रात के साये ने जब मुझे चारो ओर से घेर लिया था.....
तब तुमने ही उम्मीद की किरण दिखाई...
ज़िन्दगी की हार ने इतना लाचार कर दिया था कि फूलों से भी चुभन महसूस होने लगी ....!!!!
खुद अपनी ही परछाई से मैं डरने लगी थी ....
तुम्हारी दस्तक से ज़िन्दगी ऐसे सवरने लगी जैसे मेरी आज़ादी को तुम्हारी ही तलाश थी......

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26 JUL 2018 AT 22:33

अब इंसान नहीं,
परछाइयाँ भी मदद को नहीं दिखती।
या शायद,
अंधेरे ने सबको मजबूर कर दिया है।।

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21 MAY 2018 AT 20:17

मैं तुम्हारे संग आऊँ या न आऊँ,
मेरी दुआएं तुम्हारे संग सदैव रहेंगी..

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10 FEB 2018 AT 8:06

हाथ में गुलाब लिये, कल रात वो आयी थी
खोला जब दरवाजा मैंने, बस उसकी परछाई थी

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10 JUL 2019 AT 8:27

किसी की ख़ामोश परछाई मत बनना तुम
अच्छे न बन सको तो बुराई मत बनना तुम

सच्चे रह सको तभी तक साथ देना उसका
वरना बेवजह उसकी दुहाई मत बनना तुम

इज्ज़त कमा ली है तो दौलत भी कमा लोगे
झूठ बोलकर पाप की कमाई मत बनना तुम

मदद् करने से सबको खुश़ी ही होगी अक़्सर
साथ ना चल सको तो आशनाई मत बनना तुम

भरोसा टूटता है तो सबको महसूस होता है
अंदर से धोखा बाहर से भलाई मत बनना तुम

जो भी करना उजाले की हिमायत में ही रहना
दूसरों को दुख देने वाली महंगाई मत बनना तुम

लोग मिलते हैं और बिछड़ जाते हैं "आरिफ़"
अच्छे रिश्तों पर जमी हुई काई मत बनना तुम

ज़िन्दगी "कोरा काग़ज़" है और ऐसी ही रहेगी
ज़रा सा ना बह सके वो रोश़नाई मत बनना तुम

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14 NOV 2021 AT 16:15

मैं गुम हूं तेरी यादों में
मैं मिल गई शाम के रंग में,
समेट लिया है अपनी परछाइयों को
टांग दिया क्षितिज पर तन्हाइयों को,
अब मिलूंगी स्याह रात में सुनहरे
ख्वाब बुनते हुए...
फिर मिलूंगी भोर में कचनार संग खिलते
हुए, हरसिंगार चुनते हुए।।।

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