QUOTES ON #पनाहों

#पनाहों quotes

Trending | Latest
18 MAY 2024 AT 23:05


कदम मेरे बहकने लगे हैं
तेरे नर्म बाहों के पनाहों में आकर
मेरे दिन और रात महकने लगे हैं
अंधेरा छंटने लगा है
फिजाओं में मोहब्बत के रंग घुलने लगे हैं
साथ मिलकर देखे थे जो सपने
वो सारे सपने सच होने लगे हैं
साथ चलते चलते..

-



तेरे गेसुओं की पनाहों में आकर,
बहकने लगा हूँ तुझे पास पा कर,

महक तेरी सांसों में घुलने लगी है,
मुरादों भरी रात ढ़लने लगी है.!
सिमटने लगा हूँ ये दुनिया भुलाकर,
तेरे गेसुओं की पनाहों में आ कर..!

ये चंदा ये तारे हँसी लग रहे हैं,
गुजरते ये पल दिलनशीं लग रहे हैं!
तुझे देखता हूँ नजर को झुका कर,
तेरे गेसुओं की.....!

ये दिल चाहता है यूँ दीदार करना,
हदों से गुजरकर तुम्हे प्यार करना!
निगाहों से दिल के तराने सुनाकर,
तेरे गेसुओं की....!

सिद्धार्थ मिश्र


-


30 AUG 2018 AT 13:00

यूं नज़र फेरकर तुम चले तो जाओगे
जाओ --लौटकर हमारी पनाहो में ही आओगे
चाहो तो अाज़माकर देख लो

-


26 FEB 2018 AT 2:50


तेरी इन पनाहों में मुझे खोने दो
जिंदगी के जद्दोजहद से थक चुकी हूँ
मुझे तुम्हारे कांधे पर सर रख के सोने दो
थोड़ा सा तो बस मुझे रो लेने दो ..

-


8 OCT 2020 AT 0:15

मेरे कांधे पे सिर को झुकाना तेरा
मेरे सीने में खुद को छुपाना तेरा
आके मेरी पनाहों में शाम-ओ-सहर
कांच की तरह वो टूट जाना तेरा
😔

-


5 SEP 2020 AT 23:49

कहाँ चल रहे हो तुम कंटीले शूल पर
आ जाओ मेरी पनाहों में
क्यूंकि मैंने तुम्हारी राहों में
अपनी पलकों को बिछा दिया है
अब राहों की उष्णता भी कम होने लगी है
और हवाओं में भी कुछ नमी सी लगती है
वो देखो उस मुक्त गगन ने भी ओढ़ लिया है श्याम आँचल
क्यूंकि मैंने अपने नैनों में तुम्हारे लिए सावन सजा लिया है

-


21 SEP 2021 AT 19:20








हर जगह धूप हैं...
पनाहों में तेरी सुकूँ हैं!
~दीपा गेरा









-


18 AUG 2018 AT 21:07

धुआँ धुआँ सी शाम को सुलग जाने दो
पनाहो में लो कि वक्त को थम जाने दो

-


29 AUG 2020 AT 22:33

वो चंदा भी शरमा कर
बदलियों की ओंट में छिपने लगा है
क्यूंकि तुम्हारे प्यार का काजल
मैंने अपने नैनों में आज सजा लिया है
आ भी जाओ मेरी पनाहों में
क्यूंकि तुम्हारे लिए शूल नहीं मेरा प्यार है
जीवन की वो ठंडी सी छाँव
जिसके साये में तुम्हारी राह आसान हो जाती है
और मैं तुम्हे उस पर चलता देख कर
थोडा और जी लेती हूं..

-


2 MAR 2020 AT 18:11

फिजूल कोशिशें ना किया करो मोहब्बत झुठलाने
की, सच अक्सर बया हो ही जाता है निगाहो से,
तुझसे जुड़ी ना जाने क्या क्या उम्मीद लगाए खड़े
हैं हम इन तसव्वुर किस्मत और तनहा राहों से!
परवाह अगर इतनी ही हैं, तो दुनिया की नजरों से
हमें चुपके से छुपा क्यूँ नहीं लेते अपनी बाहों में,
ना खौफ़ समाज का, ना ही दायरे की फ़िक्र हो, जी
लेंगे हम-तूम कही दूर किसी महफ़ूज़ पनाहों में!

-