QUOTES ON #पत्नी

#पत्नी quotes

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23 APR 2019 AT 19:33

सजल जीवन की सिहरती धार पर,
लहर बनकर यदि बहो, तो ले चलूँ 

यह न मुझसे पूछना, मैं किस दिशा से आ रहा हूँ 
है कहाँ वह चरणरेखा, जो कि धोने जा रहा हूँ 
पत्थरों की चोट जब उर पर लगे, 
एक ही "कलकल" कहो, तो ले चलूँ

मार्ग में तुमको मिलेंगे वात के प्रतिकूल झोंके 
दृढ़ शिला के खण्ड होंगे दानवों से राह रोके 
यदि प्रपातों के भयानक तुमुल में,
भूल कर भी भय न हो, तो ले चलूँ 


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30 MAR 2019 AT 17:55

घर में पत्नी के आते ही एक ओर मां, बहन और भाभी ने मुझे खुलेआम जोरू का गुलाम कहना आरंभ कर दिया है। तो भी मुझे यह तसल्ली नहीं कि कम-से-कम घरवालों की इस घोषणा से श्रीमतीजी को तो प्रसन्नता होगी ही। उलटा उनका आरोप यह है कि मैं मां, बहनों और भावजों के सामने भीगी बिल्ली बन जाता हूं और जैसा कि मुझे करना चाहिए, उनकी तरफदारी नहीं करता। मां कहती है कि लड़का हाथ से निकल गया, बहन कहती है भाभी ने भाई की चोटी कतर ली। भाभी कहती है-देवरानी क्या आई, लाला तो बदल ही गए। लेकिन पत्नी का कहना है कि तुम दूध पीते बच्चे तो नहीं, जो अभी भी तुम्हें मां के आंचल की ओट चाहिए। बताइए, मैं किसकी कहूं ? किसका भला बनूं ? किसका बुरा बनूं ? वैसे तो सभी नारियां शास्त्रों की दृष्टि से पूजनीय हैं, मगर मेरा तो इस जाति ने नाक में दम कर रखा है। 

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21 JUN 2020 AT 7:38

ममता की आँचल में, ममता की छाँव में ।
मन मेरा रमता है, उस छोटे से गाँव में ॥
मन मेरा माँ की गोंद में जब सोता है,
स्वर्ग के जैसा एह्सास मुझे होता है
माँ मुझे अपने गले से लगा लेती है,
दिल मेरा जब किसी बात पे रोता है

हर गलती पे मेरी, माँ आती है बचाव में ।
मन मेरा रमता है, उस छोटे से गाँव में ॥
हर रोज माँ का मुझको वो समझाना,
पापा का मेरे लिये नये उपहार लाना
भाईयों का मुझसे वो लड़ाई करना,
वो बहनों से हाथ पे राखी बंधवाना

अच्छा नहीं लगता कुछ भी, उस प्यार के अभाव में
मन मेरा रमता है, उस छोटे से गाँव में ॥
मेरी खुशियों के लिये हर रोज मंदिर जाना,
हर काम से पहले दही और चीनी खिलाना
घर से दूर जाते वक्त मेरे ए "नवनीत"
दरवाजे के पीछे छुपके माँ का आँसू बहाना
भवसागर पार करना है इस संस्कार के नाँव में ।
मन मेरा रमता है, उस छोटे से गाँव में ॥

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11 MAY 2021 AT 12:33

नारी के रूप
-बेटी
-पत्नी
-माँ

(तीन सामान्य सवाल)
अनुशीर्शक मे पढ़े 🙏

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23 MAR 2019 AT 9:12

बस
एक सवाल का ज़बाब चाहिए..मुझे

🛵

तुम्हें..मिश्रा जी की वाइफ़ की..गुझियाँ इत्ती पसंद क्यूँ है.. 😊

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16 MAR 2021 AT 10:43

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24 APR 2021 AT 17:16

साली तो रस की प्याली है,
साली क्या है रसगुल्ला है
साली तो मधुर मलाई-सी,
अथवा रबड़ी का कुल्ला है।
पत्नी तो सख्त छुहारा है
हरदम सिकुड़ी ही रहती है
साली है फाँक संतरे की,
जो कुछ है खुल्लमखुल्ला है।

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17 MAY 2021 AT 20:02

जन्मदिन पर

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14 APR 2022 AT 9:15

अर्धांगनी हूँ ... तुम्हारी ...!
प्रेमिका भी बनना चाहती हूँ ,
आखरी साँस तक का सफर ...
तुम्हारी प्रेम दिवानी ,
बनकर करना चाहती हूँ ....

पत्नी बन रुकमणी मैं कहलाऊँ ,
जो हो प्रेम की वार्तालाप ....
राधा बन तुम संग इठलाऊँ ,
पति के आँगन की मिट्टी कहलाऊँ ....
लांघकर चौखट तुम्हारी ,
तुम्हारे प्रेम पुजारन भी बन जाऊँ....

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13 AUG 2020 AT 15:31

"मर्द" चाहता है "कृष्ण" बना रहे उम्र भर,
लेकिन "पत्नी" अपेक्षित होती है उसे "सीता" जैसी...

औऱ भूल जाता है कि दोनों चरित्रों के बीच में एक पूरे "युग" का अंतर है !

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