एक पेड़ और एक पत्ता,
दोनों का रिश्ता बड़ा ही खास है |
पेड़ बडे़-बुजुर्ग सा अनुभवी,
तो पत्ता जवानी का ऐहसास है ||
एक जवानी के जोश में पत्ता,
घूमना चाहे ये भ्रम संसार है |
और लेकर छली हवा का सहारा ,
छोड़ देता वो पेड़ का साथ है ||
फिर दिन दो दिन गुजर करता वो,
और खो देता जीवन से हाँथ है |
एक पेड़ और एक पत्ता,
दोनों का रिश्ता बड़ा ही खास है ||
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