QUOTES ON #पंछी

#पंछी quotes

Trending | Latest
22 AUG 2019 AT 19:51

ये दिल कोई पिंजरे का पंछी नहीं

पिंजरे में कैद दरिंदा है।
बेहतर है कि वो वहीं रहे जहाँ उसे होना चाहिये।
निकल गया तो न आपको सही से जीने देगा
न आपके करीबियों को।
जबतक ये कैद है आप आज़ाद हो,
जिसदिन ये आज़ाद हो गया आप कैद हो जाओगे।

-


16 AUG 2021 AT 9:08

यूँ भी अचानक.. मन द्रवित कई बार हो जाता है
अपरिचित से सफ़र पे भी.. चलने को यह तैयार हो जाता है,
जिसकी ना मंज़िल कोई.. ना कोई ठिकाना
उस पंथ से भी.. जीवन में प्यार हो जाता,

दो विपरीत दिशाओं का साथ चलना मुम्किन नहीं है
बस यूँ ही बेवज़ह किसी का इंतजार हो जाता है,
ईक़ विमुख सी अनुभूति .. दर्पण दिखाये
के सम्मुख जिस्म-ओ-जाँ का दिदार हो जाता है,

ख़्वाईशों की तरंगिणी में.. यह कश्ती सा मन है
यह क़भी इस आर.. तो क़भी उस पार हो जाता है,
अज़ीब से घर में.. यह बसर करता है
के मन क़भी दर.. तो क़भी.. दिवार हो जाता है,
यूँ ही अचानक.. मन द्रवित.. कई बार हो जाता है!!

-


13 MAR 2020 AT 19:55

सब्र कर बंदे....
सदा यह दुःख रहता नहीं,
इक शज़र की छाया है
इसका इक सा मुख रहता नहीं,

आख़िर छूट जाता है सबकुछ
हाथ में कुछ रहता नहीं,
इक पंछी की उडारी है
सदा डाली पे बैठा सुख रहता नहीं,

ज़िन्दगी का सफ़र तो है बस मरघट तक
औऱ दूसरा कोई रुख रहता नहीं,
सब्र कर बंदे...!

-


7 FEB 2021 AT 19:58

ज़िन्दगी तेरे आईने में
ख़ुद की.. याद देख रहे हैं,

काले-काले बालों में
अब.. सफ़ेद से दाग देख रहे हैं,

आसमाँ से टूटे तारे
अपनें.. घाव देख रहे हैं,

ना जाने क्यूँ पंछी.. पिंजरे के
अब ख़ुद को आज़ाद देख रहे हैं,

आसमाँ के अरमाँ.. फिऱ
हम बड़े दिनों बाद देख रहे हैं,

उफ़्फ़.. पंख मेरे तो टूटे हैं पर
नयन.. फिऱ से ख़्वाब देख रहे हैं!!

-


31 AUG 2020 AT 9:11

प्यार में ये बिजी डिस्टर्ब इग्नोर जैसे शब्द होने ही नहीं चाहिए.
और अगर ऐसा हो 'अभि' तो कभी प्यार ही नहीं होना चाहिए.

-


25 JUN 2019 AT 18:49

उड़ती हैं उम्मीदें परेशान सी,
सोचें कोई बेख़बर ख़बर ले ले,
ठिकाना ख़ुशियों का मिल जाये,
जो यह शाम ढ़लने में जऱा सब्र ले ले,

कहे पंछी तू मेरे पर ले ले,
पऱ मुझको अपने घर ले ले..!

-


25 SEP 2019 AT 19:54

हाथ में आया छूट गया,
पछताये क्यों तारा था टूट गया,
आंधी कर गयी घर-बेघर ,
अंडा था गिरकर फुट गया,
बोलो.., पंछी क्या फिऱ रुठ गया..?

मार उडारी उड़ जा दिल,
यह पंख अटारी में क्या यारी,
ईक रात का सपना देखा था,
ईक नींद ही तो हमारी लूट गया..!

-


6 JUL 2019 AT 21:40

कौन सी डाल पे बैठा था रात को,
पंछी भूल जायेगा सुबह इस बात को,
मैं भी यूँ, बेफ़िक्र, क्यूँ ना रहूँ ज़िन्दगी,
चलने दे हवा, हिलने दे शाख को,

कौन सी डाल पे बैठा था रात को....!

-


10 MAR 2022 AT 8:43

आसमान से ऊंचे ख्वाब देखना
भी तो हमारे लिए मुनासिब नहीं,
रिश्ता में बंधे इंसान है हम,पंछी भी तो नही
हमारी उड़ान बस एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक है,
आसमान हमारी किस्मत में भी तो नही...!!!

-


1 MAR 2020 AT 17:57

सुना है,शाम होते ही पंछी अपने घर लौट आते हैं...
मेरे हिस्से में वो शाम नहीं या तुम वो पंछी नहीं !!

-