उसकी मुट्ठी में बन्द है नफ़रत
अपनी बहादुरी का एलान नहीं किया,
कल तक जो थी वो
आज वो कोई ओर है।
उसकी दोनो जांघों के बीच जो हुआ
उससे मचा दुनियां में शोर है।
ये बात वो किससे कहती की
जब चाहे आता नोचता,झकझोरता
और चला जाता है।
अपना दर्द बयां कैसे करें
बिलख तड़प,खीज कर रह जाती
कुछ समझ नही आता है।
सात साल की बच्ची है,"ज़नाब"
उसे समझने में थोड़ा वक़्त लगेगा।
अभी वो खुद से लड़ लड़ हार रही है
जब वो खुद से जीतेगी।
तब दुनियां में असली कोहराम मचेगा।
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