QUOTES ON #नज़्म

#नज़्म quotes

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18 NOV 2018 AT 1:44

मत करो इतना ग़ुरूर अपने हुस्न पर
यूँ ही इतनी हसीन नहीं हो तुम

इन सफ़ेद सफ़्हों पर
जो नीली सफ़ें है
उन नीली सफ़ों के बीच
गुलाबी स्याही से

अपनी नज़्मों में
हर्फ़-दर-हर्फ़

'मैंने' उकेरा है तुम्हें

- साकेत गर्ग 'सागा'

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27 APR 2019 AT 17:47

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26 APR 2020 AT 11:38

दर्द लिखो कि जीना दर्द है
दर्द की एक और रस्म है
दर्द लिखो....

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18 AUG 2020 AT 9:34

न कोई नज़्म, न कोई गज़ल लिखूंगी,
निगाहों में कैद तेरी मुस्कुराहट लिखूंगी।

अल्फ़ाजों को तो समझ लेगा ये ज़माना,
तेरे लिए पहनी चूड़ियों की खनक लिखूंगी।

शोर भी सुन के सबने अनसुना कर दिया,
जो तुमने समझी, मैं वो खामोशी लिखूंगी।

अरसा हो गया हमारे नैनों को टकराए हुए,
झरोखों से झांकती आंखों का इंतजार लिखूंगी।



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30 MAY 2020 AT 23:56

ख़ुदकुशी से पहले
हर शख़्स लिखता है इक नज़्म
गहरी, उदास, खामोशी भरी
क्या कोई सुन पाता है?

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13 NOV 2020 AT 18:19

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13 JAN 2022 AT 16:10

दुनिया की
सबसे बड़ी नज़्म
महाभारत
हिंदुस्तान में
लिखी गयी।
जिसमें
1 लाख
से भी ज़्यादा
शे'र हैं।

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28 DEC 2017 AT 18:10

कब जाना है दफ़्तर को, किस वक़्त घर को आना है
सुखा देना है आंखों में या अश्कों को बहाना है
कहाँ पर बाग है गुल का, कहाँ पर क़ैद-ख़ाना है
फासला रख के मिलना है या उनसे लिपट जाना है

हाँ, मैं अक्सर भूल जाता हूँ।।

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26 DEC 2017 AT 21:25

सफ़र में चलते रहना है या थक कर ठहर जाना है
फ़लक से बात करनी है, चाँद लेकर के आना है
उसे दिन भर याद करके फिर, शाम को भूल जाना है
हर शब में उसको लिखना है, सहर होते मिटाना है

हाँ, मैं अक्सर भूल जाता हूँ।।

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8 APR 2019 AT 23:01

इक आह ही काफ़ी थी
कुछ दूरी ज़रूरी थी
कुछ बेबुनियादी शक़
और भटकाव मन का
हाय!इक नज़्म की ख़ातिर
हम क्या कुछ कर गये

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