QUOTES ON #न्योता

#न्योता quotes

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दहलीज के आधार ,पर स्त्रियों पर
संस्कार के मानक तय हैं समाज के द्वारा ।
अच्छे घर की स्त्रियाँ
बसों पर धक्के नहीं खातीं ।
वे आत्मसम्मान के हेतु आवाज नहीं उठातीं
नहीं काटती चक्कर
थाने , कोर्ट-कचहरियों के ।
उनका कोई आत्मसम्मान ही कहाँ होता है
पुरुषों के बराबर खड़ी होतीं हैं वो ।
ऐसी स्त्रियों के लज्जा नहीं होती ।
अच्छे घरानों की नहीं होतीं हैं ना!
वे जो हंस-हंसकर
पुरुषों से बात करती है न !
न्योता होता है उनके लिए ।
अच्छे घराने की स्त्रियाँ
पराए मर्दों से बात नहीं करतीं ।
इनका धंधा ही यही होता है ।
मुंह ये मुँह अंधेरे उठकर
अपने बच्चों के लिए निकल पड़ती हैं
पर्स टांगे बस स्टॉप की ओर ।
कई नजरें पीछा करती है राह में ।
क्या पता कब इशारा मिल जाए
उन्हें हक़ जमाने का ।
या अवसर मिल जाए कि
वह ऐसी स्त्रियों को दंडित कर सकें ।
जो आत्मनिर्भर होती हैं ,
खड़ी होती हैं पुरुषों के बराबर ।.....

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12 DEC 2019 AT 11:23

रास्ते में है बड़ा बड़ा गड्ढा।
जो देता है हादसों को न्योता।

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2 OCT 2019 AT 23:58

क्या इश्क़ का न्योता अाया है,
लगता है काल मंडराया है।

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21 MAR 2018 AT 1:09

मयस्सर समझकर तोड़ना चाहा जिसने!
खामखां आँधी को ही न्योता दिया उसने!

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14 AUG 2019 AT 0:28

आजकल कौन दिल से मिलता है साहिब
बस मुलाकात तो आजकल एक न्योता हुआ करती है

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23 NOV 2019 AT 22:10

भेजा है किसी अपने ने नेह निमंत्रण
व्हाट्स एप्प के जरिए
मसुरूफियत में मुनासिब न था शायद
एक कॉल भी फोन के जरिए
या यूँ कहें हो गया है बड़ा ही किफ़ायती
रिश्ता निभाना व्हाट्स ....
हमने भी सिख ली है थोड़ी दुनियादारी
भला हो,व्हाट्स एप्प के जरिए
किफ़ायती नुस्खा ढुँढा है,
कर दिया है फॉरवर्ड सुंदर-सा तोहफा
अपलोड कर,व्हाट्स....
भेज दिया है वर-वधू को स्नेहाशिष भरा
मैसेज व्हाट्स एप्प के जरिए

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24 JUL 2017 AT 16:07

उसके आते-आते ख़त एक लिख रखूं
तलबी आते-आते इजहार ए मोहब्ब्त लिख रखूं
और कुछ मल्हार रोशनाई में नुमाया लिख सकूं
कुछ शबनम जो लाया वो लिख सकूं

इस वर्षा में मैं(i)
वो इत्र बिखरा हुआ लिख सकूं

कुछ नफ़स में दफन आह
कुछ आंखों के अफसाने,
वो होंठों में दबी-छुपी
वो अश्क जिनके रह गये ठिकाने,
उसके आते-आते वो सब लिख रखूं

बंटवारे के वो ख़त जो रह गये संदूक में
तितर-बितर,
वो सब पे मैं पते घर के लिख सकूं
उनमें न्योता अधूरी दावतों का लिख रखूं

इस उम्र दराज में पीते-पीते लिख सकूं
रे खुदा तू इतनी महर लिखना
के लिख सकूं
मौत आते-आते हिसाब लिख रखूं

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3 JUN 2020 AT 10:20

सुना है,
तू बचाने आता है
तेरे भक्तो को
आज भी मुसीबत में...
मुसीबत को हम
न्योता देना चाहेंगे
अगर तुज से
मिलना होता हो...
तो ऐसे ही सही....
Paanee

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16 MAR 2019 AT 4:23

कल रात का न्योता था गुनगुनाने का
हो मदहोश कल्पनाओं में यूं खो गए
तकता रहा ऑनलाइन बेसब्र हो राह
ख्वाबों से लिपटे जाने कब सो गए

सुबह होते ही रात का मिला संदेसा
दिखो ऑनलाइन क्यों सन्नाटा बो गए
लगा सब कुछ किस्मत का ही खेल
रात का आमंत्रण कैसे क्यों डुबो गए।

धीरेन्द्र सिंह

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21 AUG 2018 AT 1:22

मैं आज जो आया,
दूरियां मिटा कर आया हूं।।
दिल्ली इंदौर दूर नही ,
आंखों में आस दिला के आया हूँ।।
आँसू भी थे , जो थोड़े गमगीन थे,
पर मैं समय से पहले , हँसा के आया हूँ।।
मिलों की दूरियां , अब कहाँ रही,
धागे की कस्मे , तुझे जो देकर आया हूँ ।।
वचन तेरे और मेरे भी याद है मुझे,
कुछ रस्मो में बंध , थोड़ी रस्मे बांध आया हूँ।।
विरपस की मिठाई , और थोड़े गेंहू लिये,
रक्षा सूत्र बाँधने का न्योता देकर आया हूँ ।।

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