QUOTES ON #नेता

#नेता quotes

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14 FEB 2019 AT 22:42

कुछ बेगुनाह यहां मरे, कुछ वहां मारे जाएंगे
गुनहगार इन लाशों पर, रोटियां खाएंगे

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जब चुना जिन्हें वो ही हमको जमकर चूना लगवाते हैं,,
कुछ कभी नहीं देते हमको झुनझुना हमें पकड़ाते हैं!!

उम्मीद भी इनसे क्या रखें,कंबल दारू ही बांटेंगे,,
सियासत में लगा आग ये,फिर खुद ही बुझवाते हैं!!

और न पूछो इनकी हरक़त,क्या कुछ ये कर जाते हैं,,
राशन खुद ही खा जाते ये,हमको भाषण पिलवाते हैं!!

सबसे ग़रीब रेखा नीचे का,खुद राशनकार्ड बनवाते हैं।
मार ग़रीबों का हक़ सुन लो,बिल्डिंग खुद की तनवाते हैं!!

उम्मीद करो मत इनसे अब,शैतान यही कहलाते हैं।
ये पाक साफ दिखते पहले,फिर चारा खा जेल ये जाते हैं!!

बनती काग़ज़ में सड़कें अब,काग़ज़ में पुल बनवाते हैं,
तकनीक बड़ी इनकी अद्भुत,ये हज़म सभी कर जाते हैं!!

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4 MAR 2017 AT 7:42

फिर कबूतऱ ही इस दुनिया मे अपनी हुकूमत करवाऐगा,
मसीहां सुकून का हर जगह तेरे खून का दंगा लडवाऐगा,
भेड़िया बदनाम होता जाऐगा...
एक अच्छा मुहरत देख वो अपनी चोच आख़री बार चुबाऐगा, और सबको उस दिन भेड़ियों का नौश करवाऐगा...
अब अंधेरे मे क्यो,
सुबह उजालों मे हड्डिया जलवाऐगा...
मसीहां वो सबकी नज़रों का अब दिल पे भी राज़ फरमाऐगा...

किसे पता था वो शांति का प्रीत कई एैसे समर करवाऐगा
दिक्त ये है की जिसके लिए हम गोली खाने को त्यार है
बंदूक ताने असल मे वो ही खडा है!!

कहानी सुनाए दो दिन ही हुए थे

Election दस दिन मे होना है और तुम जा रही हो ?
इस बार भी आपकी ही जीत होगी एसा कह नेता जी की बीवी,गाडी मे बैठ मायके को चल दी
क्या खबर थी उनहे की वो अपने घर कभी नही पहुच पाऐंगी
नेता जी एक call करते है और किसी को location समजा रहे होते है फिर मुझे उधर से ही इशारा कर कहते है की जाओ और पीछा करो उसका
मै लाल्ची चील की तरह तेजी से जाता हूं कट्टा पैंट मे फसाऐ bike पे बैठे सोच रहा था शायद,अब तो मै उनका खास हो जाउुंगा

जैसा चाहा वैसा ही सब हुआ
उस रानी को गिराते ही हर जगह शोर मच जाता है
विपकश पार्टी भी घबरा जाती है इतने सवालातों से, सब उन्हे भेड़ियों की पर्जाति का नारा लगा,बद्द पीठ देते है
और कबुतऱ ने हमारे विपक्श के बल को एक चोच मार खत्म कर दिया

उस समर बाद वही हुआ जो होना था मंत्री बन गये वो और हम खास बन गये!!

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30 APR 2021 AT 14:19

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6 FEB 2021 AT 11:25

ज़मींदार है, साहुकार है, बनिया है, व्यापारी है,
अंदर-अंदर विकट कसाई, बाहर खद्दरधारी है !

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10 DEC 2020 AT 10:57

तू जेतना समझत हौ ओतना महान थोड़े है
ख़ान तो लिखत हैं लेकिन पठान थोड़े है

हम ई मानित है मोहब्बत में चोट खाईस है
जितना चिल्लात है ओतना चोटान थोड़े है

चुनाव आवा तब देख परे नेताजी
तोहरे वादे का जनता भुलान थोड़े है

"रफ़ीक" मेकप औ' मेंहदी के ई कमाल है सब
तू जेतना समझत हौ ओतनी जवान थोड़े है

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10 DEC 2020 AT 16:57

ई मँहगाई ई बेकारी, नफ़रत कै फ़ैली बीमारी
दुखी रहै जनता बेचारी, बिकी जात बा लोटा-थारी।
जियौ बहादुर खद्दर धारी!

बरखा मा विद्यालय ढहिगा, वही के नीचे टीचर रहिगा
नहर के खुलतै दुई पुल बहिगा, तोहरेन पूत कै ठेकेदारी।
जियौ बहादुर खद्दर धारी!

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14 NOV 2017 AT 0:39

अरे प्रचार करने की ज़हमत, क्यों उठाते हैं नेताजी...
अबकी बार सदन पहुंचाएंगे, आरक्षण कोटा छाँटकर...

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29 DEC 2020 AT 9:09

मैं नेता हूं

मैं नेता हूं।
आपका इस, समाज का,
इस गांव का बेटा हूं।
चाचा जी, नमस्ते चाची जी नमस्ते,
पागल को भी भैया जी नमस्ते,
वोट दीजिए उसके बाद मैं बताता हूं।
सुबह आओ घर पर नहीं है,
शाम को आओ घर पर नहीं है ,
मैं घर में आराम से सोता हूं।
बात ऊपर पर गई,
फिर मुझ पर आई ,
आप सुबह पहुंचो, मैं शाम को आता हूं।
आपके संग रहूं आपके रंग रहूं
दुख में साथ और खुशी में उमंग रहूं
जब आपकी समस्या आपसे पहले ,
मैं ऊपर लाकर निवारण करता हूं ।
तब मैं नेता हूं।

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20 APR 2021 AT 21:33

न तो टली वबा न नफ़रती मरज़ गया,
हाले वतन को देख दिल लरज़-लरज़ गया,

न काम आया धर्म न नेता ने थामा हाथ,
श्मशान तक भी दोस्त कोई बेगरज़ गया,

एक-दूसरे के साथ खड़े हम ही रह गये,
उसको पड़ी थी वोट की वो ख़ुदग़रज़ गया,

जो रहनुमा बना रहा पिछड़ों का रात दिन,
पूछे कोई के अब कहाँ उसका फ़रज़ गया?

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