जब चुना जिन्हें वो ही हमको जमकर चूना लगवाते हैं,,
कुछ कभी नहीं देते हमको झुनझुना हमें पकड़ाते हैं!!
उम्मीद भी इनसे क्या रखें,कंबल दारू ही बांटेंगे,,
सियासत में लगा आग ये,फिर खुद ही बुझवाते हैं!!
और न पूछो इनकी हरक़त,क्या कुछ ये कर जाते हैं,,
राशन खुद ही खा जाते ये,हमको भाषण पिलवाते हैं!!
सबसे ग़रीब रेखा नीचे का,खुद राशनकार्ड बनवाते हैं।
मार ग़रीबों का हक़ सुन लो,बिल्डिंग खुद की तनवाते हैं!!
उम्मीद करो मत इनसे अब,शैतान यही कहलाते हैं।
ये पाक साफ दिखते पहले,फिर चारा खा जेल ये जाते हैं!!
बनती काग़ज़ में सड़कें अब,काग़ज़ में पुल बनवाते हैं,
तकनीक बड़ी इनकी अद्भुत,ये हज़म सभी कर जाते हैं!!
-