पूछते हैं तुमसे फिर से,
वही इज़हार ए सवाल।
चुप्प रहने से होने लगा
इश्क़ को अब मलाल।
कामनाओं की चाँदनी,
बुनती भावों के जाल।
हसरतें झूमतीं,सरगम
की यह मधुर सुर ताल।
चाहत की नाव सजी;
है तनी प्रेम की पाल।
इश्क़ की कली खिली,
मन गुलाब की डाल।
मिलन के गीत मुखर,
है मुखड़े का जमाल।
नींद में डूबती कविता,
जग रहे छंद बाकमाल।
एक बात बताओ- मन
में उठने लगे क्यूँ सवाल।
सो रही कहानी, अधूरा
इश्क़ कब होगा बहाल।
© #Veenu"✍
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