आज उसकी नज़रों को मैंने ना गुज़ार कर दिया,
वो देखते उम्मीदों रहम से, मैंने प्रतिकार कर दिया.....
क्यों ना दूं उसे उसके किये की सजा मेरे निशब्द,
मैंने किये थे पुण्य जो, उसने उसे गुनहगार कर दिया.....
कल तक मेरी नजरों में ऐसे मचल जाया करते थे,
रहते थे दूर खड़े प्रायः, नैनो से मिलने आया करते थे.....
अपने जज्बातों को काबू करके मुद्दत हम बन गये,
उसने लगाई आग जेहन में, बर्बाद संसार कर दिया.....
आज उसकी नज़रों को मैंने ना गुज़ार कर दिया,
वो देखते उम्मीदों रहम से, मैंने प्रतिकार कर दिया.....
#मेरीकलमसे
#राहुलयादव
#निशब्द
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