खुदा करे मेरी तरह तेरा भी आये किसी पे दिल तू भी ज़िगर को थाम कर कहता फिरे हये दिल आशिके नामुराद की कब्र पर था ये लिखा हुआ जिसको हो ज़िंदगी अज़ीज़ वो ना लगाए कहीं दिल
जहन में जिस्म की तवील सी ठाठ थी, जिसने नामुराद इरादों को फिर छलावा कह दिया!! असल में सलवटें खुद की ही सासों में थी, जिसने चढ़ाई दावतों को ही दिखावा कह दिया!!