QUOTES ON #नाकामी

#नाकामी quotes

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24 FEB 2020 AT 3:51

सो कर मुझे रातों में
तुम्हारे ख्वाब आते हैं
तुम्हारे ख्वाब रातों में
मुझे सोने नही देते...

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12 NOV 2018 AT 20:05

इस तरह नाकामियों में शुमार हो गये हम,
इश्क़ बनने चले थे, पर बाज़ार हो गये हम।

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17 JAN 2020 AT 18:41

अपनी नाकामी छुपाते हो,
कि अपनी नाकामी छुपाते हो ,
एक दिन खुद ही पछताओगे,
आज हमारे मनाने पर भी नहीं मान रहे हो,
कल हम ना रहे तो हाथ मलते रह जाओगे...

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17 JAN 2020 AT 17:04

अच्छे दिन जरूर आयेंगे हम और आप नहीं देख पायेंगे
कुछ पहले कहकर चले गए अब ये भी कहते रह जायेंगे
अर्थ ब्यवस्था सुस्त पड़ी है मजदूरों की भी दुखद घड़ी है
लगता हम आम सभाओं में मोदी मोदी कहते रह जायेंगे

दुखिया का कोई मीत नहीं है शोषण की अब भी रीति वही है
सात साल गुजरे बस ऐसे नम्बर दो वाले हैं जैसे के तैसे
उन लोगों ने खाली बैंक किये ये घर भी खाली कर जायेंगे
अच्छे दिन जरूर आयेंगे हम और आप नहीं देख पायेंगे

मुद्दों से ध्यान बंटाना जिसे आ गया वो सत्ता का ताज पा गया
जातिपांति का वही गणित पुराना चुन चुनकर मोहरे बैठाना।
जगह नहीं निर्धारित अब तक 2022तक आशियां कहाँ बनायेंगे।
अच्छे दिन जरूर आयेंगे हम और आप नहीं देख पायेंगे।

प्रधुम्न प्रकाश शुक्ला

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अपनी नाकामियों से मैंने अब फिर से रार ठानी है
जो आंखों से बहा है वो अश्क नहीं सिर्फ पानी है

ऐ कामयाबी तू मुझसे दूर रह कितना भी इतरा ले
मैं जानता हूं इक दिन तू मेरे मुट्ठी में ही आनी है

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मझधार में कश्ती है अपनी, तूफानों से इसे बचाएं तो कैसे
उलझी हुई इस ज़िन्दगी की उलझनों को सुलझाएं तो कैसे

सुनाते रहें है सभी को फकत अपने हौसले की कहानियां
सफर ए हयात के नाकामियों के किस्से सुनाएं तो कैसे

देखी है बहुत उम्मीदें मुझसे, मेरे सभी अपनों की आंखों में
मुसीबतों से लड़ते हुए ख़ुद की ये जंग हार जाएं तो कैसे

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17 JAN 2020 AT 18:31

अपनी नाकामी छुपाते हों सबसे खुद से तो सच बोल कर देखों ।।

हर वक्त झूठ बोलते हों कभी सच का मज़ा ले कर तो देखों ।।

सबकी कमियां ढूंढते हों कभी खुद के अंदर झांक कर तो देखों ।।

ना कोई गुलाम हैं तुम्हारा ना हैं अपना कोई एक बार नजरें घुमा कर तो देखों ।।

ये दुनिया हैं मेरे यार यहां हर कोई मतलबी हैं एक बार गौर से देखों ।।

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17 JAN 2020 AT 14:22

- छुपाते
तुमने कामयाब लोगो में
कमियां निकालनी शुरू कर दी

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7 JUN 2020 AT 21:28

बात अगर खुद पर आए , तो हर इंसान सोचता है,
अपनी नाकामी में ,गलतियां औरों की खोजता है।
गुरुर देखा है मैंने आजकल, इंसानो की फितरत में
एक दफा भूख मिट जाए ,तो दुबारा कहाँ पूछता है।

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17 JAN 2020 AT 14:52

जी नही पायेगा तू..
नाकामयाबी को भी गले लगा के बोल..
तुझसे सिर्फ 'ना' हटाना बाकी है।

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