अगर आप अपने बच्चे से यह उम्मीद रखते हैं कि वो आपको जज ना करें
चाहे फिर आपने कितनी ही गलती क्यों ना की हो,, आपको इंसान समझे
तो फिर एक मां-बाप अपने बच्चे को कैसे जज कर लेते हैं ???.....
आपका एक नकारात्मक विचार हमारे जेहन में कितना असर छोड़ता है,
इसका आपको अंदाज़ तक नहीं है, किसी दूसरे की कही गई ताने
टिप्पणी से सौ गुना चुभती है आपकी बातें.....
हम चुप हो गए आपको हम समझदार लगने लगे ,,,,
हम अपने आप में रहने लगे तो हम बड़े हो गए,
हम चिल्लाने लगे आप हमसे डरने लगे,
हम घर देर से आने लगे आपने हमें टोकना छोड़ दिया,
हम शराब में सहारा ढूंढने लगे आप खुद को कोसने लगे,
हम डूबते गए आप हम से उम्मीद छोड़ बैठे,
हम अब भी बच्चे हैं आप बाहर वाले बन गए
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