तेरी याद आ रही थी, दिल को जला दिया है
कोने में इक पड़ी थी, तस्वीर जला दिया है
मैंने जो पूछा उससे, कहने लगी वो हँस के
मैंने भी ख़त वो तेरे, कब के जला दिया है
हरजाई है सनम तू, बेवफ़ा न मुझको कहना
मैंने भी संग तेरे, सब कुछ भुला दिया है
हर पल ख़याल तेरा, आँखों मे घूमता था
आँखों को अपनी मैंने, अबके सुला दिया है
बात है तो कहने की, कहता मग़र है कौन
नमाज़ी को एक मैंने, मदिरा पिला दिया है
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