अगर जाऊँगी तो किधर जाऊँगी मैं,
तुझे ढूँढती दर-ब-दर जाऊँगी मैं,
मेरे हमसफ़र तू मेरी ज़िन्दगी है,
जो खोया कभी तू तो मर जाऊँगी मैं।
तेरा साथ है जो समेटे हुए है,
बिछड़ जाऊँगी तो बिखर जाऊँगी मैं।
मेरी मौत तेरे लिए ज़िन्दगी है,
चल इस बात पर आज मर जाऊँगी मैं।
मुकम्मल नहीं ये कहानी तो क्या ग़म,
मुकम्मल मुहब्बत तो कर जाऊँगी मैं।
मिटा तो मैं दूँ तेरी हर याद दिल से,
मगर अपनी नज़रों से गिर जाऊँगी मैं।
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