मैं हर जगह हूं .. और .. कहीं भी नहीं जागती आँखों में ख्वाब बनके आउंगी भीड़ में तन्हाई बनके लिपट जाउंगी तुम्हारी धड़कनो में मेरे पैरो की आहट होंगी तुम्हारी खुशियों में सिर्फ मेरी चाहत होंगी मैं पागल हवा हूं तुम्हारी साँसो में घर बनाउंगी तुम्हारे ज़हन के हर कोने में छा जाउंगी