Mayank Tiwari 2 APR 2019 AT 13:19 रख दो किताबें छुपा के कहींधूल ज़रा चेहरों पे भी पड़ने दो। - Hetal Vora 4 OCT 2018 AT 16:57 काश रिश्ते भी उस धूल की तरह ही होते, जिन्हें हम सुबह बाहर निकाल भी देते तो साँझ तक वापिस घर में ही मिलते.... - Anuradha Sharma 18 JAN 2021 AT 17:28 मैं मस्ज़िद की जमीं हो जाऊं lमैं मंदिर की जमीं हो जाऊं।जो हिंदू , को हिंदू नहीं जानती ।न मुसलमां , को मुसलमां जानती lउस जमीं को , सभी शिद्दत से चूमते ।उस ज़मीं की धूल , सभी माथे सजाते । - Anjuola Singh 31 JUL 2017 AT 22:57 तस्वीर पर जमी धूल को साफ क्या किया, पलको से ढुलकते मोती उस पर टपक गए, माना कि जहाँ की रफ़्तार है तेज़ बहुत पर, कुछ शख्स वक़्त से बहुत पहले ही चल दिए| - YQ Sahitya 25 FEB 2021 AT 9:13 न मैं धन चाहूँ, न रतन चाहूँतेरे चरणों की धूल मिल जायेतो मैं तर जाऊँ, हाँ मैं तर जाऊँहे राम तर जाऊँ... - Arif Alvi 20 JUN 2019 AT 8:46 क्या ज़िन्दगी का फलसफ़ा याद है तुमकोक्या अपनी की हुई हर दुआ याद है तुमकोउसने हमें मरने के लिए ही पैदा किया हैक्या उसका ये इक फैसला याद है तुमकोये रोज़ - रोज़ का झगड़ा अच्छा नहीं लगताक्या श़हीदों की मौत का सामना याद है तुमकोअपनों को अपनों से दूर क्यों करते हो अब तुमक्या मोहब्बत में दिलों का मिलना याद है तुमकोसबके दिल में बस ही जाओगे ज़रूरी तो नहींक्या टूटे हुए दिलों का हौसला याद है तुमको'धूल भरे रस्तों पर चलकर' मंज़िल पायी है सबनेक्या उनके दर्द और काँटों का चुभना याद है तुमकोकिस चीज़ की तलाश़ में जी रहे हो "आरिफ़"क्या किसी के दिल में बसे रहना याद है तुमकोदो गज़ ज़मीं और कफ़न की लड़ाई है सारीक्या "कोरे काग़ज़" का बहना याद है तुमको - YQ Sahitya 16 MAR 2021 AT 21:36 - Mayank Tiwari 20 MAY 2018 AT 12:19 ऐशो-आराम के लालच में बड़ी भूल कर बैठाबादल की चाह थी आसमान में धूल कर बैठा। - Mrbenaam 25 SEP 2019 AT 13:38 धूल साफ करते हैं लोग उभरने के लिएगलतियाँ में भी करता हूँ रोज सुधरने के लिए - Monika Raj 2 APR 2018 AT 7:58 हमने कहा उन्हें........, हमारी आँखों में, उनके लिए मोहब्बत को ढूंढने,मगर वो कमबख्त, हमारी आंखों में धूल ढूंढने लगे।। -