QUOTES ON #धूप

#धूप quotes

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11 NOV 2019 AT 19:58

सुर्खरु हो रही कूचे की धूप
अंदाजे से माप कर
बढ़ाती है अपने पांव
सर्द दीवारों की ओर.....

हसरत से ताकती हैं दीवारें
और समेट लेती हैं कतरे दर कतरे की
सुखन....
कड़कती सर्दियों का इत्मिनान
बखूब! परखा है मुद्दतों ।

प्रीति

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14 APR 2020 AT 16:04

देखा है,
गिलोय की बेल को,
अमरूद के पेड़ पे चढ़ते हुए।

हवा, धूप पा कर,
कुछ ही दिनों में वृहत् फैलाव लेते हुए।

किसी ने,
गिलोय की बेल को काट दिया जड़ से,
बचाना था शायद वो पेड़ उसे।

मगर बेल को अब जीने की तमन्ना थी,
चाह हुई उस पेड़ से लिपटे रहना ही,
उसने ऊपर से ही अपनी नई जड़ें निकाली,
और जमीन की और बढ़ा दी,
जीने की ख्वाहिश लिए,
एक नई उम्मीद के साथ।

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27 JAN 2019 AT 9:43

इतना अँधेरा ले कर निकलता हूँ
कि धूप भी काली हो जाती है

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19 FEB 2019 AT 21:23

पता है तुम्हें कैसे रहते हो तख़य्युल में मेरे,
जैसे धूप रहती है ना, ज़ेहन में परछाई के!!!

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13 JAN 2019 AT 20:44

होठों के प्यालों में...
धूप ढलने लगी है...
इंतजार है आंखों में...

...जब से गए हो तुम

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24 DEC 2018 AT 0:07

सवेरे ने, कोहरे का ढेर लिया है
यूँ मानो, समाँ पूरा, घेर लिया है
इतरा रहा है, जाने किस बात पर
जाने क्यों, रवि से मुँह, फेर लिया है
फिर कोई, हिमाकत करें
आओ, धूप का स्वागत करें

वो चाय की चुस्की अधूरी है
और एक बात है, जो ज़रूरी है
खैर छोड़ो, तुम कहाँ समझोगे
तुम्हारी, अपनी मजबूरी है
फिर कोई, हिमाकत करें
आओ, धूप का स्वागत करें

छुपी बैठी है, बादल के पीछे
जैसे, नज़र कोई, काजल के पीछे
एक मचलता सा दिल है वो
धड़क रहा है, किसी आँचल के पीछे
फिर कोई, हिमाकत करें
आओ, धूप का स्वागत करें

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1 AUG 2018 AT 12:04

जरा होश हुआ करता है
जरा से तुम हुआ करते हो. . .

फिर मेरे ख्यालों के नक्शों में सब कुछ
धुंधला सा लगने लगता है
हाँ मैं लगा लेती हूँ अपना चश्मा भी
फिर भी कुछ है जो दिखता कम हैं,महसूस ज्यादा होता है

एक अलसाया सा दर्द, हल्की सी टीस
और गुनगुना सा सुकून, बिखरा रहता है आसपास

फिर बड़ा दिलकश होता धीरे धीरे इस मदहोशी में डूब जाना . . .

"क्या तुमने कभी अपने पैरों पे धूप नाचते देखा है जानां ?"

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11 NOV 2018 AT 14:39

धूप रंग हर राग का, धूप नहर की नाप
धूप चपलता चित्त की, धूप ढोल की थाप
धूप पोटली इत्र की, धूप नार श्रृंगार
धूप खिले तो जग चले, नदिया जंगल पार

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17 JAN 2021 AT 20:13

" एक बारिश सर्दियों में भी तो होती है...
बादलों से छन के धूप की बारिश! "

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28 JUN 2019 AT 20:31

کسے ہو دھوپ کی اب فکر ثانی
میں اپنے سائے سائے جا رہا ہوں

किसे हो धूप की अब फ़िक्र 'सानी'
मैं अपने साए-साए जा रहा हूँ

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