QUOTES ON #द्वंद

#द्वंद quotes

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12 JUL 2019 AT 17:01

भीतर शोर बहुत,फिर भी अजीब सन्नाटा
जाने कितने द्वंद में हमने हैं जीवन काटा।

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24 MAY 2021 AT 21:06

"अलविदा कह दूंगी मैं
मेरी हंसती खेलती निगाहें
नम होने से पहले..

अलविदा कह दूंगी मैं
ये अल्हड़पन, ये चंचलता
कम होने से पहले..

नहीं पता ये आंतरिक
द्वंद खत्म होगा या फिर
किसी दिन मेरा ही अंत होगा...

अलविदा कह दूंगी मैं
एक दिन हृदय में प्रेम के प्रति
झूठा भरम होने से पहले!"

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27 FEB 2020 AT 22:34

ज़माने से लड़ते समय जीतकर लौटता हूं,
बस ख़ुद से लड़ते समय हार जाता हूं।

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25 DEC 2018 AT 13:14

ढूँढना खुद को खुद में इतना मुश्किल हुआ
रात तक जो आज था भोर से वो कल हुआ

रट रट कर वेद शास्त्र वो वाद में कुशल हुआ
सीख कर शस्त्र अपने कत्ल में शामिल हुआ

युद्ध विचार द्वंद्व का जिंदगी में हर पल हुआ
हार जीत छोड़ महज़ मृत्यु ही क्यों हल हुआ

निराशा का तमर जब बहुत ही विकल हुआ
सम्मान ही मनुज का वास्तविक गरल हुआ

ठोस मान को छोड़कर जब जीव तरल हुआ
इस धरा का ये मनुज तब ईश सा सरल हुआ

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27 FEB 2020 AT 23:05

ख़ुद से तो मैं हंसते-हंसते हार जाता हूँ
बस ख़याल तेरा आये तो जाने किधर जाता हूँ !!

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4 FEB 2019 AT 11:09

युद्ध चल रहा भयंकर स्वयं का स्वयं से
कौन जीतेगा द्वंद कौन चलेगा अहम से....
खुश हो रहा है मनुष्य जीत के वहम से
हार भी स्वयं की और जीत भी स्वयं से .....

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8 MAY 2023 AT 18:40

द्वंद घेर लेता है कि वो हमें रोकेंगे या जाने देंगे
सुना है बहते आँसू क़ाफ़िले रोक लिया करते हैं
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-सन्तोष दौनेरिया

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6 SEP 2022 AT 7:36

द्वंद्व है गर अंतर्मन में चल रहा
यकीन रखना यह संकेत है
कि चल पड़ा है अब उत्थानों
का सिलसिला ।
असहज अवश्य करेंगे प्रश्न
पर न करना इनसे गिला ।।

प्रश्न ही तो जबाबों के जनक है
इन प्रश्नों से ही तो जीवन में खनक है ।
प्रश्न से ही है जबाबों का सफर
खुलकर मिल इन प्रश्नों से, न डर ।।


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17 JAN 2020 AT 11:23

मुकदमा तो यूँ हर रोज़ चलता है ,
मस्तिष्क मेरा... वकील बनता है ,
तर्क क्षमता... भी ग़ज़ब इसकी ,
सही साबित मुझे कर ही देता है ।

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11 OCT 2019 AT 20:35

व्यर्थ में तू हुँकार भर रहा
षड्यंत्र ही षड्यंत्र हो रहा
मौन हृदय सब सुन रहा है.....
अस्थि मज्जा निष्चेत पड़ी है
रक्त धारा देखो जम रही है .....
ये कैसा विलाप हो रहा है
हाहाकार,प्रलाप हो रहा है....
असमंजस की स्थिति है...
कोई नहीं संभाल रहा है
सब अपनी गठरी बाँध रहे हैं
दूजे को ठोकर मार रहे हैं
लाशों के ढेर लग रहे हैं..
राजनीतिज्ञ रोटी सेंक रहे हैं
बड़ा वीभत्स संसार हो रहा है

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