✨नौकरी एवं संदेहास्पद दौरा✨
दिनकर का भव्य दर्शन
और अति सुनहरा सबेरा।✨
एक अद्भुत सी साजिश
और संदेहास्पद दौरा मेरा।✨ ......(१)
मटमैली सड़क, कीचड़,
कड़कड़ाती धूप, पतझड़।✨
बारिश गर्मी संग संग,
एक हैरानी और गड़बड़।✨ ........(२)
लंबी दूरी, अधूरा सफर,
मंजिल की इच्छा, डर।✨
झपकती पलकें, गहरी नींद,
थका शरीर तब लौटा घर।✨ ......(३)
ये चंचल नौकरी, ये मेरे दौरे
लटकती निगाहें, गिरती उम्र।✨
परिवार की चिंता, भोजन,
इंतजाम का इंतकाम ताउम्र।✨ ....(४)
बच्चे एवं उनका भविष्य,
पत्नी, माँ, सबकी फिक्र।✨
उठना एवं उठाना है उन्हें,
शब्दहीन मुख तो कैसे जिक्र।✨ ....(५)
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