टपके बूँद आँखों से कभी, इसके पहले आँखे मल देता हूँ। मंजिल का तो कोई ठिकाना नहीं हैं, मुसाफिर हूँ यूँ ही चल देता हूँ। बदलते लोग हजारों चेहरे, मै तो भरोसेमंद को ही बदल देता हूँ। अबके सावन फूल ना भेज सकूँ, पहले ही तोहफे में मैं तुझे गजल देता हूँ।
कोई दे न दे चाहे मेरा साथ मेरा प्यार हैं हरदम मेरे साथ इतना हैं उसको मुझसे प्यार बड़ी से बड़ी गलती को भी कर देता है वो पल में माफ इतना सुलझा और निस्वर्थ हैं वो तो यार सबसे अच्छा हैं मेरा प्यार