एक ही गलती बार बार गर दुहराने की सजा मौत है
तो क्या यह सिर्फ कमजोर इंसानों पे ही लागू होना चाहिये!
या उन इंसानों के लिये भी जो पद और शक्त्ति का दुरुपयोग कर निहत्थों पे बार बार एक ही प्रकार की गलती दुहराते जाते हैं, शोषण!
उनकी सजा कौन मुक्कमल करेगा। शायद मरने के बाद उन्हें इंसान नहीं फिर से भगवान और पीछे छोड़ आये उनका अतीत और यादों से जुदा कर खुद का परिवार मारेगा!
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