आज मिज़ाज कुछ शायराना है,
स्वभाव से सीधासादा हूँ पर,
अँदर बैठा एक दीवाना है !!
गुले गुलज़ार होके,
कोई हमसे भी दिलकश बातें करे,
अब तो इसी का जमाना है !!
नज्मों के अफसाने बटोर लाया हूँ,
थोड़ी और जुस्तजू करलें ।
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें,
या नजरों से गुफ्तगू करलें !!
-