QUOTES ON #दास्तान

#दास्तान quotes

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17 AUG 2018 AT 10:42

मुझे क्या पता था की मेरा लिखा किसी को इतनी गहरी चोट देगा ,
मुझे क्या पता था की अल्फ़ाज़ मेरे किसी को जीने की वजह देगा ।

लिखा था मैंने अपने जज़्बात को अपने प्यार के लिये कागज़ पे ,
मुझे क्या पता था कोई उसे अपना समझ कर मुझसे प्यार कर बैठेगा ।

दर्द अपना लिखा था किसी और के लिये चाहत मेरी थी किसी और की खातिर ,
मुझे क्या पता था कोई उन चाहतों को खुद के हिस्से का दर्द समझ लेगा ।

प्यार लिखना आज गुनाह सा लगता है दर्द बयान करने से डर लगता है ,
मुझे क्या पता था किसी और के दिये दर्द को कोई अपना नाम दे जायेगा ।

मेरे हर अल्फ़ाज़ पे हक़ किसी और का है ये समझ ना पाया कोई ,
मुझे क्या पता था किसी और के हक़ पे कोई अपना हक़ जताना चाहेगा ।

नहीं जानना चाहती हूँ में की दिल में किसी के क्या है मेरे लिये ,
मुझे इतना पता है जिसे मैं चाहती हूँ उसके सिवा कोई मुझपे हक़ जता ना पायेगा ।

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29 OCT 2019 AT 18:32

जरा सा किस्सा था मैं,
तुमसे मिला, दास्तां हो गया!

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6 DEC 2023 AT 18:37

जब इस जहान से
रुख़्सत हो जाऊँ तो,इन निशानियों में ढूँढ लेना मुझको,
लिख छोडी है दास्तान,तहरीरों में ढूँढ लेना मुझको..

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27 OCT 2021 AT 22:25

जिंदगी यही एक कश्मकश
से भरी है तू!
तू मुझसे थक गई है,
या में तुझसे थक गई हूं!

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17 APR 2020 AT 15:30

दास्तान ए इश्क कभी लिख ना सके

जज्बात दिल के कभी कह ना सके

पन्ने बच ना सके

अरमानो की बारिश में

अहसास तुम कभी समझ ना सके

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19 NOV 2021 AT 16:19

ना दास्तां सुनाना ना ख्वाहिशें मेरी अधूरी बताना
ना ही तुम किसी को इच्छा मेरी आखिरी बताना
सुनो,मैं जब इस दुनिया से चला जाऊं तो बस तुम
आसमां में देखना और मुझे मेरी ही शायरी सुनाना

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17 DEC 2019 AT 18:05

बहरों की दुनिया है,
दास्तान-ए-दर्द किसे सुनाऊं,
इसलिए मौन हूं!

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27 MAY 2017 AT 21:05

कलम बिना स्याही के...
और इंसान बिना स्वाभिमान के...
कोई नई दास्ताँ नहीं बना पाते....

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6 AUG 2020 AT 23:42

माना है अपना इश्क रुठा अभी।
अधूरी दास्तान भी मुकम्मल होगी कभी।
एक रोज उस इश्क़ की बारिश हम पर भी होगी कभी।

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9 MAY 2020 AT 11:20

शुरुआत कर तो दी हैं मोहब्बत की मैंने,
ना जाने कितने इम्तिहान,अभी बाकी हैं।

रूबरू हुए हैं तुम्हारी परछाइयों से अभी,
तुझमें बसा एक जहान,अभी बाकी हैं।

हैं छवि एक तुम्हारी उतरी मेरे जेहन में,
गौर से तुमको निहारना,अभी बाकी हैं।

छू लिया हैं बादलों का एक हिस्सा मैंने,
उड़ने को पूरा आसमान,अभी बाकी हैं।

सुनते हैं लोग कई किस्से हीर रांझें जैसे,
वो सब्र करलें हमारी दास्तान,अभी बाकी हैं।



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