ऐसा नहीं कि कोई किसी से बुरा कम होता है,
कहीं आग कम होती है, कहीं धुआँ कम होता है!
दर्ज होता है बहुत कुछ तारीख़ के सफ़हों में मगर,
जो लिखा होना चाहिए, वही लिखा कम होता है!
मुंतज़िर हूँ तुमसे की कभी पलट कर तो तुम देखो,
मिले दिल को तसल्ली भले इकरार कम होता है!
बेल्फ़ज़ बयां खामोशी का तज़ुर्मा अपना अपना,
निगाहें झुके इकरार से तो इनकार कम होता है!
दरमियाँ वस्ल में वो आलम बदहवासी का उफ्फ,
शोला बदन शर्म-ए-गाह पर दुपट्टा कम होता है!
तकाज़ा उम्र का देती के काफिर दिल की धड़कनें,
जीने को तो जीते हो तुम पर जीना कम होता है!
काफ़िराना है तेरी दलील, सदाक़त नहीं है "राज" _राज सोनी
रद्द-ए-अमल मोहब्बत की पर जाहिर कम होता है!
-