QUOTES ON #दर्द_और_खामोंशियाँ

#दर्द_और_खामोंशियाँ quotes

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21 APR 2020 AT 21:50

छोड़ कर जाना चाहते हो तो चले जाओ
जाने से पहले इतना बता दो
मेरा कसूर क्या था तुम्हें चाहने के अलावा
बस एक खुशी की तलाश में निकले थे घर से
हमें क्या पता था घर के बाहर हर एक शख्स
मेरी खुशियों का गला घोंटने के लिए बैठा है

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अधूरी ख्वाहिशें ही तों जीने का असली मज़ा देती हैं
मुक्कमल हों गई जो, फिर तो वो सज़ा देती हैं!

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5 APR 2020 AT 13:13

रात सी अंधकार दिन की सूरज में खाे गई
गरीब की कुटिया थी भूखे ही साे गई
कहा जब किसी ने इसकाे कहीं ये बात
दुनिया इसे धर्म-जात राजनिति कह घाेट गई
साेच समझ कर करना अब कहीं भी बात
पढ़ना पहले अपना नाम
फिर करना कहीं गरीबाें के हक की बात
अभी यही ट्रेंड है दस्तयाबी वफादारी की
कहे जाे भी सुन लाे मशीनरी सरकारी

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अब जो हम हर बात पर मुस्कुराते हैं
ना जाने कितना दर्द है जिसे छिपाते हैं

कोई है इस कदर अजीज हमे कि मत पूछो
और वही मेरे किरदार पर उंगलियां उठाते हैं

जिन्हे अपना समझ बैठे थे वो हाल तक नहीं पूछते
और कई बेगाने हैं जो अब भी साथ निभाते हैं

कुछ पुराने लम्हें जो लबों पर मुस्कान लाते थे
अब बार बार याद आकर हमे रुलाते हैं

जिसकी खुशी की दुआ में उठते हैं हमारे हाथ
वो नफ़रत की आग में क्यों ख़ुद को जलाते हैं

हमे मालूम है मौजें सब कुछ बहा कर ले जाएंगी "निहार"
फिर भी आशियां रेत का साहिल पर ही बनाते हैं

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29 APR 2020 AT 1:19

दाव पर लग जाती हैं
ख्वाहिशें मेरी...

जब जिंदगी के आइने में
हक़ीक़त साफ नज़र आती है।

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26 DEC 2021 AT 9:59

जिन्दगी में दर्द क्या होता हैं....?
उनसे पूछऐ , जिनके हमदर्द
वादें से मुकरे हैं।

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11 SEP 2023 AT 16:31

" मैं और मेरी तन्हाई "

लोग देखते हैं सिर्फ मेरी ये हंसी
लोग देखते हैं सिर्फ मेरी ये हंसी

जिसके पास रो सकूं मैं सुकून से
ऐसा कोई शख्स मेरे आस पास नहीं

वक्त बीत जाता है यूं ही आते जाते
हर पल इन्तजार करने वाला मेरा कोई खास नहीं

कतरा कतरा बिखर रहे है खुद में ही
जो संजो के रखें इतना कोई दिल के पास नहीं

मैं जग रही हुं और ये चांद भी जग रहा हैं
हम दोनो जैसा इस जन्हा में कोई उदास नहीं

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10 FEB 2021 AT 6:16

दर्द बहुत है तुम महसूस कर पाओगे क्या?
खुशियां आयेंगी तो उनको !
आपस में बांट पाओगे क्या?
मंज़िल तो बहुत दूर है अभी
तुम मेरे हमराही बन पाओगे क्या?
और उजालों में तो सब साथ निभाते हैं!
तुम अंधेरों में भी साथ निभाओगे क्या?

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30 NOV 2020 AT 7:33

हमेशा सच बोलना भी बहुत अखरता है 😊
सच बोलने से हमेशा रिश्ता क्यों बिखरता है..!!
अपने हो जाते हैं पराए और पराए अपने हो जाते हैं
अपने ही हमें नहीं समझते और पराए समझ जाते हैं
और कितना सुंदर होता है ना झूठ...😍
एक बार सुनने में ही लोग झांसे में आ जाते हैं...😑😐

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11 MAR 2021 AT 21:22

माना कि बिछड़ गए, मिलेंगे किसी मोड़ पर
लेकिन यह कमबख्त दर्द इतना चीखता क्यूं है

संभलते संभलते फिर गिर पड़े उसी पथ पर
लेकिन यह निडर पथिक इतना तन्हा क्यूं है

जो मिला था, एक दिन उसको खोना है
लेकिन यह सब्र का बांध टूटता क्यूं है

दुल्हन सजी है, विदाई की तैयारी है
लेकिन पिता के घर इतना सन्नाटा क्यूं है

यादें हमेशा साथ है, कभी धोखा नहीं देती
लेकिन यह आंखे इतना बरसती क्यूं है

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