बारिशें भी आ गईं और अब जाने को भी है
मगर तुम नहीं आए इसका मलाल रह गया,
तेरी यादों का सिलसिला अभी भी ख़त्म नहीं हुआ
ज़हन में आज भी तेरी यादों से कुछ सवाल रह गया,
सब ठीक था अभी तक दिलो दिमाग़ के दरमियान
बस इन आंसुओं के गिरने से ज़रा बवाल हो गया,
जिन निगाहों में देख तुम डूबे थे इश्क़ में
वो उलझाएं तुम्हें फिर से कहां वो मजाल रह गया,
ये उम्र ही तो थी जो एक दिन ढल ही जानी थी
अब मेरे अंदर भी कहां वो हुस्नों-जमाल रह गया.!
-मैं भी कलमकार@APT✍️
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