इश्क़ में जो मुझे आज हद से मिली,
बेवफ़ाई बड़ी आज तुम से मिली।
जाम होठों से तुम यूँ लगा लो गले,
सहर जैसे गले आज शब से मिली।
चाह बैठा जो दिल से भुलाना तुझे,
रुसवाई मुझे आज ख़ुद से मिली।
ग़म सभी डर रहे हैं जो मुझसे अभी,
ज़िंदगी जब से आ कर के तुम से मिली।
लब पुकारा करें हैं तिरा नाम बस,
आशना जब से आ कर के मुझ से मिली।
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