हर किसी को हर किसी का ग़म कहाँ
हर किसी के दिल में बसते हम कहाँ
रह सको तो रह ही लेना साथ तुम
इश्क़ में अब मुश्किलें ही कम कहाँ
इक वफ़ा के वास्ते हैं सब इधर
पर मोहब्बत में अभी वो दम कहाँ
जब ख़ुशी हो पास तो सब पास हैं
रोते-रोते आँख बहना नम कहाँ
कौन 'आरिफ़' से करेगा इश्क़ अब
हो सके इसका वो अब हमदम कहाँ
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