दबा इश्क़
दिल की ये बात
जुंबा पर ना आ सके,
मोहब्बत के दो लब्ज़
हम बयां ना कर सके।
तुझसे रूबरू होकर भी
दुनिया से ख़फा हम हो बैठे,
आरजू थी वो बयां करने की
फिर भी हम वे दबाते रह बैठे।
तुझे ताकते रहते
तेरे तराने हम बहते रहते,
आख़िर तुझको पा सकू
उस हर ड़गर पर हम चलते रहते।
चाहे तुझे मुझसे मोहब्बत ना हो,
फिर भी हम तुझसे इश्क़ आख़िर कर बैठे।
तुझे पहली नज़र देखते ही,
तुझको अपना दिल दे बैठे।
- जीवन माली
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