कौन ? रखता याद, उन फूलों को........, जो शाख से झड़ कर, ज़मीन पे ही, सुख जाए। हमें तो, वो सुखा फूल बनना है, जो! कोई अपने किताबों में, हमें, दफन कर जाए.......।।
जनाब फिसलता बहुत तेज है, विपरीत जो चलता है टिकता वही है अक्सर वक़्त के साथ चलने वाले वक़्त के साथ ही दफन हो जाते हैं जिन्होंने वक़्त को आंख दिखाई है उन्होंने ही कामयाबी पाई है।।
दिल में दफन दर्द यूँ जल सा जाता है फिर वो दर्द हमें कुछ इस तरह जलाता है यूँ तो कहते है लोग की हम साथ है तेरे पर तन्हाई में अक्सर इन्सान खुद को अकेला ही पाता है!!